नई दिल्ली। दिल्ली महिला आयोग में बड़ी कार्रवाई की गयी है। DCW के 223 कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से हटा दिया गया है। इस एक्शन का आदेश दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) ने दिया है। आरोप है कि दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने नियमों के खिलाफ जाकर बिना इजाजत इनकी नियुक्ति की थी।
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बताया जा रहा है कि यह कार्रवाई 2017 में उपराज्यपाल को सौंपी गई जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई है। एलजी (VK Saxena) के आदेश में दिल्ली महिला आयोग अधिनियम 1994 का हवाला दिया गया है। आदेश में बताया गया है कि सितंबर 2016 को महिला आयोग में 223 अतिरिक्चत पदों को सृजित किया गया। इसके कुछ दिनों बाद डीसीडब्ल्यू (DCW) को डीडब्ल्यूसीडी ने सूचित किया कि वे अनुदान प्राप्त संस्थान प्रशासनिक विभाग और वित्त/योजना विभाग की मंजूरी के बिना कोई ऐसा कार्य नहीं करेंगे, जिसमें सरकार के लिए अतिरिक्त वित्तीय दायित्व शामिल हो।
इसके बाद 5 अक्टूबर 2016 को डीसीडब्ल्यू (DCW) को फिर से सूचित किया गया कि इन 223 पदों के सृजन के लिए सक्षम अधिकारी यानी उपराज्यपाल की कोई मंजूरी नहीं थी। इसलिए सरकार की मंजूरी से दिल्ली महिला आयोग (DCW) को उन सभी संविदा कर्मचारियों की सेवाओं को तत्काल प्रभाव से बंद करने के लिए सूचित किया जाता है।
बता दें कि राज्यसभा प्रत्याशी बनाए जाने के बाद दिल्ली महिला आयोग (DCW) की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) ने जनवरी 2024 में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। स्वाति मालीवाल (Swati Maliwal) को आम आदमी पार्टी (DCW) की सरकार ने 2015 में दिल्ली महिला आयोग का अध्यक्ष बनाया था। पद पर रहने के दौरान उन्होंने महिलाओं से जुड़े कई मुद्दे उठाए थे।
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