37.8 C
Lucknow
Saturday, June 28, 2025

जगन्नाथ मंदिर में दर्शन के लिए क्यों नहीं जाते अविवाहित प्रेमी जोड़े, जानें वजह

ओडिशा। ओडिशा के पुरी में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा (Jagannath Rath Yatra) की शुरुआत हो चुकी है। 12 दिन चलने वाली रथ यात्रा का आज दूसरा दिन है। आज फिर से भगवान जगन्नाथ को मौसी के घर ले जाने के लिए रथ खींचे जा रहे हैं। यह भव्य यात्रा पुरी के जगन्नाथ मंदिर (Jagannath temple) से शुरू होकर गुंडिचा मंदिर (Gundicha temple) तक जाती है। जगन्नाथ रथ यात्रा में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा है।

यह भी पढ़ें-सोने की झाडू से होती है सफाई, जानें जगन्नाथ रथ यात्रा की खास बातें

कोई भी भक्त जगन्नाथ मंदिर (Jagannath temple) में दर्शन करने के लिए आ सकता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि जगन्नाथ मंदिर में अविवाहित प्रेमी जोड़े दर्शन करने नहीं आ सकते। इसके पीछे राधा रानी से एक धार्मिक कहानी जुड़ी है। राधा रानी जगन्नाथ पुरी में मंदिर बनवाना चाहती थीं। लेकिन मंदिर के पुजारी ने उन्हें प्रवेश करने से रोक दिया। राधा जी ने पुजारी से रोकने का कारण पूछा। पुजारी ने कहा, “आप श्री कृष्ण की प्रेमिका हैं, इसलिए आपको मंदिर के अंदर जाने की अनुमति नहीं दी जा सकती।”

पुरी में प्रचलित कहानी के अनुसार श्रीजी क्रोधित हो गईं और उन्होंने जगन्नाथ पुरी मंदिर (Jagannath temple) को श्राप दे दिया। श्राप के अनुसार यदि कोई अविवाहित जोड़ा मंदिर में दर्शन करेगा तो उनका प्रेम सफल नहीं होगा। प्रेमी और प्रेमिका को जीवन भर एक-दूसरे का प्यार और साथ नहीं मिलेगा। यह कहकर राधा रानी भारी मन से दरवाजे के द्वार से ही वापस लौट गईं।

पुरी में प्रचलित यह धार्मिक कहानी धीरे-धीरे हर तरफ फैल गई, जिससे कि अविवाहित प्रेमी जोड़े अपने प्रेम से दूर हो जाने के डर से दर्शन करने यहां नहीं आते। हालांकि इस प्रचलित कहानी में कितनी सच्चाई है इसकी पुष्टि नहीं की जा सकती लेकिन प्रतिबंध से जुड़ा जगन्नाथ मंदिर (Jagannath temple) से कोई आधिकारिक बयान कभी सामने नहीं आया है लेकिन इतना जरूर है कि जगन्नाथ मंदिर में आने वाले भक्त को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

Tag: #nextindiatimes #JagannathRathYatra

RELATED ARTICLE

close button