नई दिल्ली। हर साल 15 अगस्त को जब देश के प्रधानमंत्री दिल्ली के लाल किले (Red Fort) की प्राचीर से तिरंगा फहराते हैं तो करोड़ों भारतीयों का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। हर 15 अगस्त को लाल किले पर तिरंगा फहराया जाता है लेकिन क्या आपने कभी सोचा है क्यों? 1947 में पहली बार तिरंगा यहीं से फहराया गया था।
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लाल किला का इतिहास (Red Fort History) काफी रोचक है। इतिहास, गर्व और राष्ट्रीय पहचान से जुड़ा यह स्थान हर भारतीय के लिए खास है। इसे मुगल बादशाह शाहजहां ने 1638 में बनवाया था और ऐसा माना जाता है कि इसके निर्माण में 8 से 10 वर्ष लगे थे। यह किला न सिर्फ वास्तुकला का अद्भुत उदाहरण है बल्कि यह भारत के सत्ता और शासन का भी प्रतीक रहा है।

1947 में स्वतंत्रता की पहली सुबह लाल किले (Red Fort) से ही देशवासियों ने तिरंगे को फहराते देखा था। यह दृश्य लोगों के मन में एक खास जगह बना चुका है। हर साल 15 अगस्त को प्रधानमंत्री का लाल किले से भाषण देना, उस ऐतिहासिक पल की याद को ताजा करता है और आजादी के महत्व को समझाता है।
दरअसल लाल किला स्वतंत्र भारत का प्रतीक बन चुका है। आजादी की पहली घोषणा इसी किले से की गई थी। हर साल प्रधानमंत्री यहीं से देश को संबोधित करते हैं। लाल किला दिल्ली के केंद्र में स्थित है और सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी इसे अच्छा माना जाता है। यह स्थान देशवासियों के लिए भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है।
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