उत्तराखंड। दुनिया भर से टूरिस्ट मसूरी (Mussoorie) हिल स्टेशन की सैर पर आते हैं। यह हिल स्टेशन उत्तराखंड (Uttarakhand) में है और सर्दियों व गर्मियों दोनों ही सीजन में टूरिस्टों का पसंदीदा प्लेस है। इस हिल स्टेशन में साल भर टूरिस्ट आते हैं और यहां की मनमोहक वादियों की सैर करते हैं और प्रकृति के बीच सुकून से भरा हुआ वक्त बिताते हैं। इस हिल स्टेशन (hill station) को इसकी अद्भुत सुंदरता और प्रकृति के कारण पहाड़ों की रानी भी कहा जाता है।
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मसूरी (Mussoorie) के बारे में कहा जाता है कि इसे एक युवा एडवेंचर पसंद अंग्रेज मिलिट्री अफसर ने 1827 में खोजा था। वह यहां की खूबसूरती से इतना मोहित हुआ कि आज के आधुनिक मसूरी हिल स्टेशन की नींव रख दी। एक कहानी यह भी है कि 1803 में जब गोरकाओं ने पूरे गढ़वाल और देहरा पर जीत हासिल कर ली थी, उस समय उमेर सिंह थापा ने मसूरी शहर को बसाया था। इसे मसूरी (Masuri) नाम दिया गया, जिसे बाद में अंग्रेजों ने Mussoorie कर दिया।

मसूरी (Mussoorie) को पहाड़ों की रानी क्यों कहा जाता है? यह प्रश्न आपके भी जेहन में आया है तो आज उसका उत्तर भी जान लीजिए। यह हिमालय के पहाड़ों में बसा हिल स्टेशन है और यहां हर तरफ मन मोह लेने वाली खूबसूरती है। यहां के नजारों को देखते हुए अंग्रेजों ने मसूरी को यह नाम दिया था।
मसूरी क्षेत्र को अंग्रेजों से पहले भी मसूरी ही कहा जाता था। इस हिल स्टेशन को उसका यह मशहूर नाम यहां पाई जाने वाली एक झाड़ी ‘मंसूर’ से मिला है। मंसूर यहां की एक स्थानीय झाड़ी है, जो अब धीरे-धीरे विलुप्त होती जा रही है। मसूरी (Mussoorie) ऐसी जगह पर बसा है, जहां से देहरादून घाटी का अद्भुत नजारा दिखाई देता है। इसके आसपास घने जंगल हैं और यह हिमालय की गोद में बसा बहुत ही खूबसूरत शहर है।
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