डेस्क। ईसा मसीह (Jesus Christ) की कुर्बानी को याद करते हुए हर साल गुड फ्राइडे (Good Friday) मनाया जाता है। यह ईस्टर (Easter) से पहले आने वाले शुक्रवार को मनाया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन यीशू ने स्वेच्छा से मानवता के कल्याण के लिए अपना बलिदान दिया था। इस कारण इसे ब्लैक फ्राइडे और होली फ्राइडे भी कहा जाता है।
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गुड फ्राइडे (Good Friday) से पहले कुछ दिनों तक लोग उपवास रखते हैं, जिसके दौरान वे कुछ नियमों का पालन करते हैं। इन नियमों में इस दौरान मांसाहार में सिर्फ मछली खाने का नियम भी शामिल है। उपवास के इन दिनों को लेंट कहा जाता है, जो 40 दिनों तक चलता है। इसमें लोग सुबह उपवास रखते हैं और शाम को उपवास तोड़ते हैं। लेंट (Lent) में उपवास करते समय सिर्फ मछली ही क्यों खाई जाती है, इसके कई कारण हैं। आइए जानते हैं गुड फ्राइडे के दिन क्यों ईसाई धर्म के लोग मछली खाते हैं।

गुड फ्राइडे (Good Friday) पर मछली खाने का प्रमुख कारण यह है कि पहले के समय में मछली आसानी से मिल जाती थी और काफी सस्ती होती थी। इसलिए इसे खास खाने में शामिल नहीं किया जाता था। वहीं, मांस खरीदने में सभी सक्षम नहीं होते थे। इसलिए इसे खास खाना माना जाता था। इस कारण गुड फ्राइडे (Good Friday) पर मांस खाना वर्जित है और मांसाहार में सिर्फ मछली का सेवन किया जाता है।
मछली खाने के पीछे एक कारण यह भी है कि ईसा मसीह के कई अनुयायी मछुआरे थे और जब ईसाई धर्म पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, तब अपने धर्म के लोगों की पहचान करने के लिए भी मछली का इस्तेमाल किया जाता था। इसलिए भी इस दिन मछली खाने को अहमियत दी जाती है। मछली के अलावा, गुड फ्राइडे पर हॉट क्रॉस बन भी खूब खाया जाता है। साथ ही, अंडे, श्रींप, अन्य सी फूड और फल व सब्जियों से बनाई जाने वाली डिशेज को खाया जाता है।
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