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Saturday, June 7, 2025

आखिर क्यों सबसे खूबसूरत मोनालिसा की पेंटिंग में नहीं हैं आइब्रो?

डेस्क। दुनिया की सबसे फेमस पेंटिंग (painting) की बात करें तो हर किसी के मुंह पर मोनालिसा (Mona Lisa) का नाम आएगा। यह वो पेंटिंग है जिसने 14वीं सदी से लेकर अभी तक पूरी दुनिया पर राज किया है। हिस्ट्री की मानें, तो यह पेंटिंग 1503 से लेकर 1517 के बीच लियोनार्डो द विंची (Leonardo da Vinci) ने बनाई थी। मोनालिसा के चेहरे, उसके पॉश्चर, उसकी आंखों, उसकी स्माइल और बैकग्राउंड के रंगों को लेकर दुनिया भर में कई तरह की रिसर्च की जा चुकी है।

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फ्रेंच इंजीनियर पास्कल कॉट ने 10 सालों तक मोनालिसा की पेंटिंग (painting) को स्टडी किया है। जिसके अनुसार पास्कल की तकनीक में लाइट की अलग-अलग वेवलेंथ को मोनालिसा की पेंटिंग पर डाला गया और उसके बाद डिजिटल स्कैन किए गए। पास्कल के मुताबिक इस तरह से मोनालिसा (Mona Lisa) की पेंटिंग की कई लेयर्स का एनालिसिस हो पाया। इस तरह से उन्हें यह समझ आया कि मोनालिसा की पेंटिंग की असल शक्ल में इतने सालों के रिस्टोरेशन का असर पड़ा है।

उन्होंने बताया कि एक समय पर मोनालिसा (Mona Lisa) की दोनों आइब्रो और आईलैश थी। पर धीरे-धीरे समय के साथ यह मिटती चली गई। मोनालिसा की पेंटिंग (painting) में जिस तरह से 500 सालों से रिस्टोरेशन वर्क चल रहा है उसके कारण मोनालिसा की आइब्रो मिट गई हैं। 16वीं सदी की यह पेंटिंग फ्लोरेंस के एक व्यापारी की पत्नी लीसा घेरार्डिनी (Lisa Gherardini) की है।

लियोनार्डो द विंची का एक चर्चित कोट है, “Art is never finished, only abandoned” (आर्ट कभी पूरी नहीं होती, छोड़ दी जाती है)। इस कोट के आधार पर मोनालिसा की आइब्रो को लेकर यह कहा जाता है कि यह अधूरी पेंटिंग है। इस पेंटिंग (painting) को लेकर एक चर्चित थ्योरी यह भी है कि लियोनार्डो ने कभी इस पेंटिंग को पूरा किया ही नहीं। यही कारण है कि मोनालिसा (Mona Lisa) की आइब्रो नहीं हैं और कई चीजें उसकी पेंटिंग में हैं ही नहीं।

Tag: #nextindiatimes #painting #MonaLisa

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