डेस्क। Meteorological Department की ओर से जारी रेड अलर्ट, ऑरेंज अलर्ट और येलो अलर्ट को चेतावनी के तौर पर जारी किया जाता है, जो मौसम के पूर्वानुमान से मिल रहे खतरे के आधार पर अलग-अलग होते हैं। सवाल यह उठता है कि मौसम विभाग नीले या काले रंग के अलर्ट क्यों नहीं जारी करता?
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Meteorological Department द्वारा जारी रेड, ऑरेंज और येलो रंग ट्रैफिक सिग्नल की तरह ही कार्य करते हैं, जो लोगों को तुरंत खतरे की गंभीरता समझने में मदद करते हैं।
रेड अलर्ट:
यह भारी बारिश, तूफान या जीवन और संपत्ति के लिए गंभीर खतरे का संकेत देता है। रेड अलर्ट का मतलब है कि स्थिति अत्यंत खतरनाक है और तत्काल कार्रवाई की आवश्यकता है। उदाहरण के तौर पर 100 मिमी से अधिक बारिश की संभावना होने पर रेड अलर्ट जारी किया जाता है।

ऑरेंज अलर्ट:
यह मध्यम स्तर की चेतावनी है, जो गंभीर लेकिन रेड अलर्ट जितनी खतरनाक नहीं होती। यह अलर्ट प्रशासन और लोगों को तैयार रहने की सलाह देता है। इसका मतलब होता है कि मौसम ज्यादा बिगड़ सकता है जैसे तेज बारिश, तूफान या बिजली गिरने की आशंका। इस स्थिति में लोगों को घरों में रहने की सलाह दी जाती है।
येलो अलर्ट:
यह अलर्ट जागरूकता बढ़ाने के लिए होता है, जैसे कि हल्की से मध्यम बारिश की स्थिति में मौसम विभाग येलो अलर्ट जारी करता है।
Meteorological Department की प्रणाली में नीला या काला अलर्ट शामिल नहीं है, क्योंकि नीला रंग आमतौर पर शांति और ठंडक का प्रतीक माना जाता है, जो खतरे की स्थिति को दर्शाने के लिए सही नहीं है। काला रंग शोक, मृत्यु या पूर्ण विनाश से जुड़ा होता है। जिसके कारण ये रंग नहीं चुने जाते हैं।
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