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Friday, May 30, 2025

प्रेमानंद जी महाराज हमेशा पीले रंग के कपड़े ही क्यों पहनते हैं?

वृंदावन। प्रेमानंद गोविंद शरण महाराज; जिन्हें आमतौर पर वृंदावन (Vrindavan) वाले प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj) के नाम से जाना जाता है, अपने पीले वस्त्रों (yellow clothes) के लिए विशेष रूप से पहचाने जाते हैं। उनकी यह वेशभूषा केवल एक धार्मिक प्रतीक नहीं बल्कि उनके आध्यात्मिक मार्ग और भक्ति भावना की गहन अभिव्यक्ति भी है।

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प्रेमानंद महाराज (Premanand Ji Maharaj) राधावल्लभ संप्रदाय से संबंधित हैं, जो राधा रानी और श्रीकृष्ण भक्ति को समर्पित है। इस संप्रदाय में पीले वस्त्रों का विशेष महत्व है क्योंकि यह रंग राधा-कृष्ण की दिव्य लीलाओं और प्रेम का प्रतीक माना जाता है। राधा रानी की कांति पीतवर्ण (सोने के समान) मानी जाती है और श्रीकृष्ण को ‘पीतांबर’ कहा जाता है, जो पीले वस्त्र (yellow clothes) धारण करते हैं। इसलिए प्रेमानंद जी महाराज पीले वस्त्र पहनकर अपने आराध्य के प्रति अपनी भक्ति और समर्पण प्रकट करते हैं।

प्रेमानंद महाराज (Premanand Ji Maharaj) ने अपने आध्यात्मिक जीवन की शुरुआत किशोरावस्था में ही कर दी थी। प्रेमानंद जी महाराज पीले वस्त्र के अलावा माथे पर पीले चंदन का तिलक भी लगाते हैं, जो कि राधा-कृष्ण (Radha-Krishna) के प्रति उनके प्रेम और भक्ति की प्रतीकात्मक अभिव्यक्ति है। माथे पर पीले चंदन का लेप उनकी चेहरे के आभा को और प्रभावी बना देती है। उनके चेहरे पर एक अलग ही दिव्यता की अनुभूति होती है।

प्रेमानंद जी महाराज (Premanand Ji Maharaj) के वीडियो में उनके अनुयायी भी पीले या सफेद रंग के वस्त्र धारण किए हुए नजर आते हैं, जो कि उनके संप्रदाय की भक्ति-भावना और आध्यात्मिक अनुशासन का प्रतीक बन चुकी है। यह वेशभूषा न केवल उनके संप्रदाय की परंपरा को दर्शाती है, बल्कि उनके जीवन के हर पहलू में राधा-कृष्ण की भक्ति को समर्पित रहने की उनकी प्रतिबद्धता को भी प्रकट करती है।

Tag: #nextindiatimes #PremanandJiMaharaj #Vrindavan

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