डेस्क। सर्दियों का मौसम आते ही शराब की बिक्री में एक उछाल देखने को मिलता है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भारत का शराब बाजार लगभग 60 अरब डॉलर तक पहुंच चुका है, जिससे राज्यों को भी बड़ा मुनाफा हुआ है।
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ठंड का मौसम आते ही रम (rum) जैसे हार्ड लिकर की मांग लोगों के बीच बढ़ जाती है। रम पीते ही शरीर में तेज गर्मी चढ़ने लगती है। चेहरा लाल हो जाता है, गले और सीने में जलन सी महसूस होती है और पसीना आने लगता है। वहीं व्हिस्की भी लोग ठंड के मौसम में बड़ी मात्रा में पीते हैं लेकिन यह रम जितनी गर्मी शरीर में पैदा या महसूस नहीं करवा पाती। आखिर इसका राज क्या है, आइए बताते हैं आपको।

सर्दियों में रम पीने के बाद पूरे शरीर में ऐसा लगता है मानो गर्मी आ गई हो और ठंड का असर कम लगने लगता है। जब हम रम या व्हिस्की पीते हैं तो सबसे पहले उसका अल्कोहल हमारे शरीर में जाता है। असल खेल यही अल्कोहल करता है, रम या व्हिस्की का नाम नहीं। मानव शरीर में बहुत सारी रक्त वाहिकाएं या नालियां होती हैं, जो पूरे शरीर में फैली होती हैं। जब आप शराब का सेवन करते हैं तो अल्कोहल इन नालियों को फैला देता है, खासकर चेहरे के आसपास की नालियों को।
इसी कारण हमें लगता है कि रम या लिकर पीने से शरीर में गर्मी आ रही है। रम में यह एहसास ज्यादा तेज इसलिए लगता है क्योंकि रम गन्ने से बनती है और इसमें हल्की मिठास और भारीपन होता है। इसे लोग अक्सर तेज घूंट में या कोल्ड ड्रिंक जैसे मीठे मिक्सर के साथ पी लेते हैं।
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