33.8 C
Lucknow
Monday, July 21, 2025

कांच के गिलास में ही क्यों छलकाए जाते हैं जाम, जानें इसके पीछे का राज

डेस्क। आपने कभी गौर किया है कि चाहे किसी महंगे बार की बात हो या किसी निजी पार्टी की; शराब हमेशा कांच के गिलास (glass) में ही सर्व की जाती है। क्या ये सिर्फ दिखावे की बात है या इसके पीछे कोई वैज्ञानिक और मनोवैज्ञानिक कारण भी छुपे हैं?

यह भी पढ़ें-पुरुषों से ज्यादा शराब पीती हैं यहां की महिलाएं, दिलचस्प हैं आंकड़े

शराब केवल पीने की चीज़ नहीं है, यह एक अनुभव है। वाइन एक्सपर्ट्स का कहना है कि जब आप किसी शराब को पीते हैं तो आपकी इंद्रियां- दृष्टि, गंध, स्वाद, स्पर्श और सुनना, सभी सक्रिय होती हैं। ये अनुभव कांच के गिलास (glass) के बिना अधूरा रह जाता है। प्लास्टिक के गिलास शराब की महक को पूरी तरह बाहर नहीं आने देते। मीठे या तीखे सुगंध नोट्स दब जाते हैं, जिससे स्वाद अधूरा लगता है।

साथ ही प्लास्टिक कभी-कभी अपनी गंध भी छोड़ सकता है, जो शराब के अनुभव को खराब कर देता है। स्टील के गिलास (glass) तापमान को जल्दी बदल देते हैं। यदि शराब को ठंडा या कमरे के तापमान पर परोसा जाना चाहिए तो स्टील इसे जल्दी गर्म या ठंडा कर देता है, जिससे उसका असली स्वाद और अनुभव बिगड़ता है।

शराब को पीने में कान का इस्तेमाल तब होता है, जब हम पैमाने टकराते हैं और इसकी खनक हमारे कानों तक पहुंचती है। तब भी शराब का एहसास होता है। शराब को कांच के गिलास (glass) में पीना सिर्फ मनोवैज्ञानिक वजह है लेकिन प्लास्टिक या स्टील के गिलास में शराब पीने से किसी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है।

Tag: #nextindiatimes #liquor #glass #alcohol

RELATED ARTICLE

close button