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Saturday, June 14, 2025

आखिर प्लेन के उड़ान भरने से पहले इंजन पर क्यों फेके जाते हैं मुर्गे? दिलचस्प है वजह

डेस्क। अहमदाबाद प्लेन क्रैश (Ahmedabad plane crash) की दुखद घटना के बाद अब कई तरह के सवाल उठाए जा रहे हैं। उन्हीं में से एक सवाल यह भी है कि क्या प्लेन के उड़ान भरने से पहले उसकी सही से जांच नहीं की गई थी? आमतौर पर, अंतर्राष्ट्रीय सुरक्षा नियमों (International Safety Standards) के मुताबिक, पहले प्लेन के जरूरी हिस्सों की जांच की जाती है, तभी उसे उड़ान भरने की मंजूरी मिलती है। इस जांच में सबसे अहम हिस्सा इंजन होता है, जिसकी जांच मुर्गा (chickens) फेंककर की जाती है।

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दरअसल फ्लाइट के इंजन को टेस्ट करने के लिए ये सब किया जाता है। कई बार आपने सुना होगा कि पक्षी फ्लाई विंग से टकरा जाते हैं। इससे हजारों लोगों की जान को खतरा रहता है। ऐसे में हवाई जहाज पर पक्षी से होने वाले हमले को लेकर इसका टेस्ट किया जाता है। इस दौरान इसके इंजन में चिकन गन के जरिए मुर्गे (chickens) को भी फेंका जाता है। इस तरह लोगों की सुरक्षा का ध्यान रखा जाता है।

इस प्रोसेस को करने के लिए 2 से 4 किलों चिकन का इस्तेमाल होता है। बता दें, इस टेस्ट को आज से नहीं बल्कि कई सालों से किया जा रहा है। इसके जरिए ये भी देखा जाता है कि इंजन में आग तो नहीं लग रही। एव‍िएशन एक्‍सपर्ट के अनुसार, जब भी विमान हवा की ओर जा रहा है या लैंड कर रहा है, तो इस बात का डर हमेशा रहता है कि कोई पक्षी आकर टकरा ना जाए, इससे जहाज को भी नुकसान पहुंचता है। इसलिए विमान निर्माता कंपनियां मुर्गे (chickens) फेंककर उसे टेस्ट करती हैं।

इस प्रक्रिया को “बर्ड कैनन” कहते हैं। कई बार ये नकली पक्षी भी होते हैं या फिर मरे हुए मुर्गे (chickens) भी होते हैं। ताकि इस बात का पता चला सके कि पक्षी के टकराने से फ्लाइट का इंजन काम करना बंद ना कर दे। दशकों पहले ऐसा हो रहा है, सबसे पहले 1950 के दशक में हर्टफोर्डशायर के डे हैविलैंड एयरक्राफ्ट में ये किया गया था। लेकिन आज कल ऐसा नहीं होता या ना के बराबर ही होता है। क्योंकि इंजन टेस्ट करने के कई आधुनिक तरीके आ चुके हैं।

Tag: #nextindiatimes #checkens #Ahmedabadplanecrash

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