गोवा। गोवा (Goa) के लैराई मंदिर (Lairai Devi Temple) में हर साल मई के महीने में जात्रा उत्सव का आयोजन किया जाता है, जिसमें अधिक संख्या में भक्त शामिल होते हैं। इस जात्रा (Jatra) उत्सव के कार्यक्रम के दौरान भगदड़ मचने से बड़ा हादसा हो गया है, जिसमें कम से कम छह लोगों की मौत हो गई है। आइए जानते हैं कि जात्रा उत्सव में क्या होता है और लैराई मंदिर से जुड़ी खास बातों के बारे में विस्तार से।
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गोवा के शिरगाओ गांव में लैराई मंदिर (Lairai temple) स्थित है। इस मंदिर में लैराई देवी की पूजा-अर्चना होती है। यह मंदिर लोगों के बीच आस्था का केंद्र बना हुआ है। मंदिर (Lairai temple) में मई में जात्रा उत्सव बेहद उत्साह के साथ मनाया जाता है। हर वर्ष वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि पर लैराई देवी जात्रा (Jatra) आयोजित की जाती है। इस उत्सव के दौरान लोग नंगे पैर अंगारों पर चलते हैं और देवी लैराई को सम्मान देते हैं।

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि यह एक गोवा (Goa) की आध्यात्मिकता और संस्कृति का हिस्सा है। देवी लैराई को मां पार्वती का रूप माना जाता है। अंगारों पर चलने के लिए लोगों को अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। सुबह से ही अनुष्ठान कार्यक्रम शुरू हो जाते हैं। गर्म अंगारों पर चलते समय लोग देवी लैराई के नाम का ध्यान करते हैं। जो लोग इस दौड़ को पूरी कर लेता है। वे लोग फूलों की माला उतारकर वट के पेड़ पर फेंक देते हैं, जिसके बाद घर वापस आते हैं।
उत्सव के मंदिर (Lairai temple) में बेहद खास रौनक देखने को मिलती है। अंगारों पर चलने की वजह से ही लैराई मंदिर प्रसिद्ध है। यह उत्सव मई के शुरुआती दिनों में आयोजित होता है। इस उत्सव में शामिल होने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं। धार्मिक अनुष्ठान भी किए जाते हैं। ऐसा बताया जाता है कि हर साल इस उत्सव में 50,000 से अधिक श्रद्धालु शामिल होते हैं।
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