नई दिल्ली। भारत के उपराष्ट्रपति पद के लिए चुनाव की तारीखों का एलान हो गया है। निर्वाचन आयोग (EC) ने शुक्रवार को इससे जुड़ी अधिसूचना जारी करते हुए नामांकन से लेकर मतदान की तारीख और समय तक की जानकारी साझा की। गौरतलब है कि Vice President जगदीप धनखड़ ने 21 जून को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
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ऐसे में यह जानना अहम है अब उपराष्ट्रपति पद (Vice President) के लिए चुनाव कैसे होगा? चुनाव प्रक्रिया में क्या-क्या होता है? उपराष्ट्रपति चुनाव में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सांसद, राज्यसभा में मनोनीत 12 सांसद और लोकसभा के 543 सांसद वोट डाल सकते हैं। इस तरह के कुल 788 लोग वोट डाल सकते हैं।
संविधान के अनुच्छेद 66 में उपराष्ट्रपति चुनाव (Vice President) की प्रक्रिया का जिक्र है। यह चुनाव अनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति से किया जाता है, जो कि लोकसभा या विधानसभा चुनाव की वोटिंग प्रक्रिया से बिल्कुल अलग है। उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम से होती है। आसान शब्दों में इस चुनाव के मतदाता को वरीयता के आधार पर वोट देना होता है।

मसलन वह बैलट पेपर पर मौजूद उम्मीदवारों में अपनी पहली पसंद के उम्मीदवार को एक, दूसरी पसंद को दो और इसी तरह से अन्य प्रत्याशियों के आगे अपनी प्राथमिकता नंबर के तौर पर लिखता है। ये पूरी प्रक्रिया गुप्त मतदान पद्धति से होती है। मतदाता को अपनी वरीयता सिर्फ रोमन अंक के रूप में लिखनी होती है। इसे लिखने के लिए भी चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए खास पेन का इस्तेमाल करना होता है। चुनाव में खड़े होने के लिए किसी भी व्यक्ति को कम से कम 20 संसद सदस्यों को प्रस्तावक और कम से कम 20 संसद सदस्यों को समर्थक के रूप में नामित कराना होता है।
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