बिहार। साल 2003 में आई फिल्म गंगाजल (Gangaajal) तो आपने देखी ही होगी। ये सब कुछ 1979-80 में भागलपुर में असल में हुआ था। फिल्मी कहानी में तो घटना के शिकार सिर्फ आपराधिक प्रवृत्ति के लोग दिखाए गए थे। असल दास्तां में पुलिस (police) की बर्बरता के शिकार सिर्फ बड़े अपराधी नहीं, बल्कि छोटे-मोटे जुर्म के आरोपी भी बने थे। इस पूरे कांड को भागलपुर अंखफोड़वा कांड (Bhagalpur Ankhphodwa incident) कहते हैं।
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1980 में जब पहली बार भागलपुर में अंखा किए गए लोगों की तस्वीरें छपी तो उसने पूरे जनमानस को झकझोर कर दिया। कुछ पुलिस (police) वालों ने तुरंत न्याय करने के नाम पर कानून को अपने हाथों में ले लिया और 35 अंडर ट्रायल लोगों के आंखों को फोड़कर उसमें तेजाब डाल दिया। तत्कालीन भागलपुर जेल (Bhagalpur jail) के अधीक्षक बच्चू लाल दास से जब पत्रकारों ने पूछा गया तो वे अंधा किए गए लोगों के बारे में जानकारी देने से हिचक रहे थे। लेकिन जब उन्हें पता चला कि यह पत्रकार हैं तो वे खुल गए और घटना की पूरी जानकारी देने लगे।
आरोपियों को नुकीले हथियार (साइकिल की तीली, सूजा और नाई द्वारा इस्तेमाल किया जाने वाले नेल कटर जैसे हथियार) से पहले अंधा करने और फिर उनकी आंखों में तेजाब डालने की घटनाएं एक अभियान की तरह चल रही थीं। कुछ घटनाएं ऐसी थीं कि पहले पीड़ितों को पकड़कर थाने लाया जाता था। यहां पुलिसकर्मी उन्हें बांधकर बर्बरता से पीटते थे और फिर कुछ पुलिस वाले उनके हाथ-पैर कस के पकड़ते थे। इसके बाद एक पुलिस (police) वाला आरोपियों की आंखों को टकवा (बोरा सिलने वाला सूजा) से फोड़ देता था। इसके बाद जेल में एक ‘डॉक्टर साहब’ को बुलाया जाता था, जो उनकी फूटी आंखों में एसिड का इंजेक्शन लगा देता था ताकि पीड़ितों को पूरी तरह दिखना बंद हो जाए।

बताया जाता है कि जुलाई 1980 में डीआईजी पूर्वी रेंज गजेंद्र नारायण ने भागलपुर में अपराध कम करने के तरीके सुझाने के लिए CID के डीजी एमके झा से एक सीआईडी इंस्पेक्टर भेजने के लिए कहा। सीआईडी इंस्पेक्टर ने अपनी रिपोर्ट में पुलिस (police) के आंख फोड़ने के अभियान को बर्बर और योजनाबद्ध करार दिया और इसे तुरंत रोके जाने की मांग की। उन्होंने इस बारे में डीआईजी के साथ-साथ सीआईडी के डीजी तक को रिपोर्ट भेजी। हालांकि कार्रवाई करने की जगह उन्हें अपनी रिपोर्ट बदलने के लिए कहा गया। यहां तक कि उनका भागलपुर जाने के लिए दिया जाने वाला यात्रा भत्ता तक रोक दिया गया।
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