नई दिल्ली। अमेरिका की ओर से टैरिफ बढ़ाए जाने के बाद दुनिया की अर्थव्यवस्था में खलबली मची हुई है। इसी बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इन दिनों जापान (Japan) दौरे पर पहुंचे हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक वक्त पर भारत और जापान एक-दूसरे के कट्टर दुश्मन हुआ करते थे, फिर ये दोनों देश आखिर कैसे बेस्ट फ्रेंड्स बन गए, चलिए जानें।
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दूसरे विश्व युद्ध में Japan और ब्रिटिश एक दूसरे के दुश्मन थे। दोनों दुनिया भर में एक दूसरे से लड़ रहे थे। ऐसे में भारतीय नेताओं के मन में जापान के हमले की आशंका थी। ऐसा लग रहा था कि जापान भारत में भी अंग्रेज़ों पर हमला कर सकता है। भारत और जापान के बीच संबंध अच्छे नहीं थे और वे एक-दूसरे को दुश्मन की तरह देखते थे।
Japan धुरी राष्ट्रों के साथ था और 1944-45 में उसकी सेनाओं ने भारत के पूर्वोत्तर में इम्फाल और कोहिमा की लड़ाई लड़ी थी। यह जापान और भारत के बीच सीधा टकराव था। हालांकि इसी दौरान नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने आजाद हिंद फौज के लिए जापान का सहयोग लिया। जापान ने उन्हें सैन्य मदद दी ताकि भारत अंग्रेजों से आजादी हासिल कर सके। यह पहला कदम था जिसने दोनों देशों के बीच विश्वास की नींव रखी गई।

1945 में जापान की हार और हिरोशिमा-नागासाकी पर परमाणु हमले के बाद जापान बेहद कठिन दौर से गुजर रहा था। इसी समय भारत ने जापान के प्रति उदारता दिखाई। इसके बाद तो जापान ने भारत के विकास में अहम भूमिका निभाई। दिल्ली मेट्रो जैसी परियोजनाओं से लेकर मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन तक जापान लगातार भारत का सहयोगी बना रहा। भारत और जापान अब एशिया की शांति और विकास के सबसे बड़े साथी बन चुके हैं।
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