डेस्क। इस्राइल-हमास के बीच जारी युद्ध के साथ ही अब इस्राइल-ईरान (Israel-Iran War) के बीच भी संघर्ष शुरू हो चुका है। दरअसल, हाल ही में सीरिया के ईरानी दूतावास में हमले के बाद से ही ईरान इस्राइल (Israel) पर बौखलाया हुआ है। इस हमले के लिए ईरान (Iran) ने इस्राइल को जिम्मेदार ठहराया है।
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जवाबी कार्रवाई करने की धमकी देते हुए ईरान (Iran) ने शनिवार को इस्राइल (Israel) में दर्जनों ड्रोन भी दागे। हमले को देखते हुए अमेरिका (America) इस्राइल (Israel) के बचाव में सामने आया है। इसके बाद ईरान (Iran) ने अमेरिका के समर्थन का विरोध किया है। उसने अमेरिका को इस हमले से दूर रहने को कहा है। ईरान (Iran) ने धमकी देते हुए कहा कि अगर इस्राइल (Israel) ने एक और गलती की तो इसका अंजाम बहुत बुरा होगा।

ईरान (Iran) ने संयुक्त राष्ट्र के महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को पत्र लिखकर शांति की अपील की है। उसने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (America) पर इजरायल के खिलाफ चुप्पी और आक्रामता की निंदा न करने का आरोप लगाया है। पत्र में ईरान ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र के एक जिम्मेदार सदस्य के रूप में इस्लामी गणतंत्र ईरान संयुक्त राष्ट्र के चार्टर और अंतरराष्ट्रीय कानून में निहित उद्देश्यों और सिद्धांतों के लिए प्रतिबद्ध है और अपनी निरंतर स्थिति को दोहराता है कि वह क्षेत्र में आक्रामकता या संघर्ष में वृद्धि नहीं चाहता है।” इसके साथ ही ईरान (Iran) ने चेतावनी दी कि वह किसी भी खतरे के खिलाफ अपने लोगों और हितों की रक्षा करेगा।
हालांकि इस्राइली (Israel) सुरक्षा बलों ने शनिवार को ईरान (Iran) की तरफ से दागे गए मिसाइलों को रोक दिया था। मीडिया के अनुसार यरूशलम के आसमान में कई विभिन्न जगहों से मिसाइलें दागी गईं। इस दौरान ईरान (Iran) की तरफ से दागे गए मिसाइलों और इस्राइल (Israel) की तरफ से की गई कार्रवाई के बीच का अंतर बताना मुश्किल था। कम से कम 20-32 मिसाइलों को रोका गया।
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