एजुकेशन डेस्क। भारतीय सेना (Indian Army) में नौकरी के कई अवसर हैं। आप चाहें तो डॉक्टर के तौर पर भी देश सेवा कर सकते हैं। भारतीय सेना में डॉक्टर बनने के 2 रास्ते हैं। NEET परीक्षा के जरिए सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज (AFMC) में एडमिशन लेकर या फिर एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के बाद शॉर्ट सर्विस कमीशन (SSC) या परमानेंट कमीशन (PC) के लिए आवेदन करके। भर्ती पदों पर नियुक्ति के लिए उम्मीदवार को लिखित परीक्षा और इंटरव्यू पास करना होता है।
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बता दें कि इसके लिए आपको NEET परीक्षा पास कर एमबीबीएस की डिग्री प्राप्त करनी होगी। अगर आप इस साल की नीट परीक्षा में बैठने वाले हैं और भारतीय सेना में डॉक्टर बनने का सपना देख रहे हैं, तो यहां समझिए पूरा गणित। 12वीं पास करने के बाद उम्मीदवार नीट परीक्षा के जरिए सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज में एडमिशन ले सकते हैं। वहीं दूसरा NEET परीक्षा पास कर एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के बाद शॉर्ट सर्विस कमीशन यानी एसएससी या परमानेंट कमीशन के लिए आवेदन कर सकते हैं।
सशस्त्र बल मेडिकल कॉलेज पुणे में MBBS कोर्स में दाखिला लेने के लिए NEET परीक्षा पास करना जरूरी है। बता दें कि आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज में सीटें लिमिटेड होती है। ऐसे में उम्मीदवार को रैंक हासिल करनी आवश्यक हो जाती है। कुल सीटें ये सीटें 130 जिसमें 105 छात्र, 25 छात्राएं, 5 विदेशी स्टूडेंट्स को दाखिला दिया जाता है। जनरल कैटेगरी वाले स्टूडेंट्स को 720 में से 600 से ऊपर नंबर लाना जरूरी है। जैसा कि हम सभी इस बात से परिचित हैं कि कट ऑफ रैंक हर साल बदलती है। लेकिन अगर बात पिछले साल के रूझानों की करें तो वह 620-650 के ऊपर था।

इसके साथ ही OBC, SC, ST के लिए कटऑफ स्कोर थोड़ा सा कम हो सकता है। एमबीबीएस कोर्स की अवधि में 4.5 साल की स्टडी और 1 साल की इंटर्नशिप शामिल है। बता दें कि आर्म्ड फोर्सेस मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई करने के बाद स्टूडेंट को कम से कम 7 साल तक इंडियन आर्मी में सेवा देना अनिवार्य है। अगर कोई उम्मीदवार ऐसा नहीं करता है, तो उसे एजुकेशन फीस खर्च लगभग 30-40 लाख रुपये चुकाने पड़ते हैं।
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