स्पोर्ट्स डेस्क। क्रिकेट जगत एक बार फिर मैच फिक्सिंग (match fixing) की घटना के कारण शर्मसार हो गया है। इस बार भारतीय घरेलू क्रिकेट में मैच फिक्सिंग की घटना सामने आई है। असम क्रिकेट एसोसिएशन ने चार खिलाड़ियों को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया गया है। इन चार खिलाड़ियों के नाम अमित सिन्हा, ईशान अहमद, अमन त्रिपाठी और अभिषेक ठाकुरी हैं। यह मामला सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 का है।
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ऐसे में सवाल उठता है कि अगर कोई मैच फिक्सिंग का दोषी पाया जाता है तो भारत में उसको कितने साल की जेल हो सकती है? भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने इसको लेकर क्या नियम बनाए हैं? चलिए बताते हैं आपको इसका जवाब। BCCI मैच फिक्सिंग को लेकर हमेशा से सख्त रवैया अपनाता है। बोर्ड ने आचार संहिता और भ्रष्टाचार रोधी इकाई बनाई है।

फिलहाल इसको लेकर भारत में कोई विशिष्ट कानून नहीं है। अक्सर इस तरह के मामलों में पुलिस धारा 420 के तहत कार्यवाई करने की कोशिश करती है। हालांकि इस कानून के तहत क्रिकेट में फिक्सिंग के आरोपियों के खिलाफ ठोस कार्यवाई करना संभव नहीं है। भारत में सट्टेबाजी और मैच फिक्सिंग को अवैध माना जाता है। सट्टेबाजी के लिए भी कोई स्पष्ट कानून भारत में नहीं है। कई देशों में सट्टेबाजी वैध है तो कई देशों में इसके खिलाफ सख्त कानून है।
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड मैच फिक्सिंग को लेकर हमेशा अलर्ट रहता है, इस तरह के मामले आने पर बोर्ड सख्त एक्शन भी लेता है। मैच फिक्सिंग को रोकने के लिए बीसीसीआई ने कोड ऑफ़ कंडक्ट और एंटी करप्शन यूनाइट बनाई हुई है। मैच फिक्सिंग के आरोपियों पर सख्त एक्शन लिया जाता है, अपराधियों पर आजीवन बैन तक लगाया जाता है।
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