नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुए हमले (Pahalgam attack) के बाद से भारत और पाकिस्तान (Pakistan) में तनाव चरम पर है। अब तिलमिलाए पाकिस्तान ने UNSC से बैठक की मांग की। पाकिस्तान के अनुरोध पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) की बंद कमरे में बैठक बुलाई गई थी।
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बैठक का इस्तेमाल पाकिस्तान (Pakistan) ने एक बार फिर भारत के खिलाफ झूठ फैलाने और कश्मीर मुद्दे को उठाने के लिए किया। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के सदस्यों ने बैठक में पाकिस्तान (Pakistan) से कई सवाल किए। संयुक्त राष्ट्र ने पाकिस्तान की ‘झूठे झंडे’ की कहानी को स्वीकार करने से इनकार कर दिया। इस मीटिंग का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) ने पाक से पहलगाम हमले में लश्कर-ए-तैयबा (Lashkar-e-Taiba) के शामिल होने को लेकर सवाल किया।

फिलहाल आपको बताते हैं झूठे झंडे की कहानी का मतलब क्या है? झूठे झंडे (False Flag) का मतलब है, कोई घटना जानबूझकर करना और उसे किसी दूसरे पर थोप देना है। “झूठे झंडे की कहानी” का मतलब है एक ऐसी गतिविधि या घटना जिसे किसी अन्य व्यक्ति या समूह पर आरोप लगाने या जिम्मेदारी से बचने के लिए जानबूझकर तैयार किया जाता है। इसका इस्तेमाल अक्सर एक ऐसी घटना के लिए होता है जिसमें जिम्मेदार व्यक्ति खुद को छुपाना चाहता है।
यह शब्द 16वीं शताब्दी में एक अभिव्यक्ति के रूप में इस्तेमाल होने लगा था, जिसका अर्थ था किसी की निष्ठा का जानबूझकर गलत प्रतिनिधित्व करना। यह अक्सर युद्ध और राजनीति (politics) में इस्तेमाल होता है, जहां एक पक्ष दूसरे पक्ष को बदनाम करने या युद्ध को भड़काने के लिए किसी घटना का झूठा श्रेय देना चाहता है।
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