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Thursday, August 7, 2025

क्या है मालेगांव ब्लास्ट केस की कहानी, साध्वी प्रज्ञा का कैसे आया इसमें नाम?

महाराष्ट्र। साल 2008 में महाराष्ट्र के मालेगांव में हुए बम ब्लास्ट मामले (Malegaon blast case) में फैसला आ गया। इस मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने फैसला देते हुए सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है।

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2008 में महाराष्ट्र के नासिक का मालेगांव बम धमाकों (Malegaon blast case) से दहल उठा था। यह हमला रमजान के महीने में मस्जिद के पास किया गया। धमाके के समय वहां पर लोगों की काफी भीड़ थी। इसमें 6 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। धमाका करने के लिए एक बाइक का इस्तेमाल किया गया था। इसमें RDX लगाया गया, जिससे धमाका हुआ था।

Malegaon blast case के दौरान रोजेदार इफ्तार कर रहे थे। इस हमले की जांच की जिम्मेदारी ATS को दी गई। जांच जैसे-जैसे आगे बढ़ती गई, वैसे इसमें शामिल लोगों के नाम सामने आते रहे। मोटरसाइकल के नंबर से पता चला कि यह प्रज्ञा ठाकुर के नाम पर थी। इसके बाद जांच में कई नाम सामने आए। उसमें कर्नल श्रीकांत पुरोहित का नाम भी शामिल था।

ATS ने इस मामले में हत्या, आपराधिक साजिश और आतंकवाद के तहत मामला दर्ज किया गया। इसके बाद 2011 में इसकी जांच की जिम्मेदारी NIA को दे दी गई। इसके बाद केंद्र में NDA की सरकार ने जीत हासिल की। इसके बाद 2017 में प्रज्ञा ठाकुर को जमानत दे दी गई। फिर 2019 में वे BJP से लोकसभा सांसद भी चुनी गईं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह मामला कमजोर पड़ा, क्योंकि गवाह अपनी बात से मुकर गए थे। आज इस केस में आज NIA कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी आरोपियों को बरी कर दिया है।

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