डेस्क। करंट (current) और तत्काल टिकट (Tatkal tickets) के बीच का अंतर बहुत कम ही लोगों को पता है। अगर आपने भी कभी ट्रेन (train) के करंट और तत्काल टिकट के बीच का फर्क नहीं सुना है, तो आज हम आपको बताएंगे, दोनों में क्या फर्क है। आइए जानें, करंट टिकट और तत्काल टिकट में क्या अंतर होता है?
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कई बार ऐसी इमरजेंसी आ जाती है, जिसके चलते किसी दूसरे शहर में रवाना होने के लिए ट्रेन का सहारा लेना पड़ता है। ऐसे में तत्काल टिकट लेकर लोग सफर करते हैं। तत्काल टिकट (Tatkal tickets) के लिए कुछ नियम बनाए गए हैं। तत्काल टिकट के निर्धारित समय से 24 घंटे पहले लेना पड़ता है। रोजाना तत्काल टिकट का काउंटर एसी क्लास के लिए सुबह 10 बजे और स्लीपर क्लास के लिए 11 बजे खुलता है।

बहुत कम लोग करंट टिकट के बारे में जानते हैं। करंट टिकट को लेकर भी रेलवे ने कुछ नियम तय किए हुए हैं। यह तत्काल टिकट (Tatkal tickets) से बिल्कुल अलग होती है। करंट (current) टिकट यात्रा से कुछ घंटे पहले ही मिलता है। अगर आपको इमरजेंसी में कहीं जाना है, तो आप तत्काल टिकट की जगह करंट टिकट बनवा सकते हैं। यह तभी होता है, जब ट्रेन में सीट खाली हों। इस टिकट को आप टिकट काउंटर पर या फिर TTE (ट्रेन टिकट एग्जामिनर) से ट्रेन के अंदर भी बनवा सकते हैं।
सामान्य या तत्काल बुकिंग (Tatkal tickets) के बाद खाली रह गई या रद्द की गई सीटें उपलब्ध होती हैं। करंट टिकट यात्रा शुरू होने के आधे घंटे पहले तक मिलती है। हालांकि, सीट का खाली होना बहुत ही जरूरी है। करंट टिकट का किराया सामान्य किराए पर ही होता है, और इसमें तत्काल की तरह कोई प्रीमियम शुल्क नहीं लगता।
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