सऊदी अरब। मक्का (Mecca) के मध्य में स्थित काबा दुनिया भर के मुसलमानों के लिए इबादत का केंद्र है। इस्लामी संस्कृति में इसका बहुत महत्व है। हर साल तीर्थयात्री हज या उमराह करने के लिए विशेष पैकेज या निजी तौर पर सऊदी अरब (Saudi Arabia) जाते हैं। हज (Hajj) यात्रा पर आए मुसलमान मक्का पहुंचने के बाद मस्जिद अल हरम आते हैं और सात बार काबा (Kaaba) के चक्कर लगाते हैं और दुआ करते हैं, इस प्रक्रिया को तवाफ कहा जाता है लेकिन क्या आपको पता है कि काबा के अंदर क्या है?
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काले रेशमी कपड़े किस्वा से ढंके काबा के अंदर क्या है, यह बात कम ही लोग जानते हैं। किस्वा पर कुरान की पवित्र आयतें लिखी होती हैं। काबा शरीफ (Kaaba) के अंदर किसी को जाने की इजाजत नहीं है। केवल चुनिंदा लोग ही इसके अंदर जा सकते हैं। काबा का अंदरूनी हिस्सा बमुश्किल 180 मीटर वर्ग का है। इसके अंदर छत को सहारा देने के लिए लकड़ी के तीन खंभे हैं। सोने और चांदी के लैंप हैं। बंद सीढ़ी और बाब अल-तौबा नाम का सोने का दरवाजा है।

काबा (Kaaba) में दाखिल होने के लिए सिर्फ एक दरवाजा है, जिसे बाब-ए-काबा कहा जाता है। इस दरवाजे की चाबी डॉ. सालेह बिन जैनुल आबेदीन अल शेबी के पास थी। बीते साल उनका निधन हो गया था। कहा जाता है कि पैगंबर मुहम्मद के जमाने से ही शेबी परिवार के पास इस चाबी को सुरक्षित करने की जिम्मेदारी है। डॉ. सालेह अब शेबी परिवार के 109वें वारिस थे। 2013 में अपने चाचा अब्दुल कातिर ताहा अल शेबी के निधन के बाद डॉ. सालेह को चाबी की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
काबा शरीफ (Kaaba) के अंदर आम मुसलमानों को प्रवेश करने की भी अनुमति नहीं है। केवल आधिकारिक तौर पर ही कुछ लोग वहां प्रवेश कर सकते हैं। काबा के अंदर उस स्थान को भी चिह्ति किया गया है जहां पैगंबर मुहम्मद ने प्रार्थना की थी। आमतौर पर नमाज पढ़ते वक्त किबला रुख (काबा की ओर) करके नमाज अदा की जाती है लेकिन यदि कोई काबा के अंदर प्रार्थना करेगा, तो वह किसी भी दिशा में मुंह करके प्रार्थना कर सकेगा।
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