नई दिल्ली। अहमदाबाद (Ahmedabad) में गुरुवार को हुए भीषण विमान हादसे (plane crash) के बाद मृतकों की शिनाख्त की जा रही है। विमान में 242 लोग सवार थे, जिसमें से 241 लोगों का निधन हो गया। यह विमान हादसा इतना भयानक था कि मृतकों का शरीर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया और उनकी पहचान कर पाना मुश्किल हो रहा है। ऐसे में मृतकों की पहचान DNA टेस्ट से कराई जाएगी।
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रिपोर्ट्स के मुताबिक, 1000 से ज्यादा DNA टेस्ट किए जाएंगे। डीएनए टेस्ट के नतीजे आने में कम से कम 72 घंटे का वक्त लग जाता है। आइए जानते हैं कि DNA क्या और कैसे होता है और क्यों कराया जाता है डीएनए टेस्ट? DNA टेस्ट से यह पता लगाना संभव होता है कि कोई व्यक्ति कौन है या वह किससे जुड़ा है। डीऑक्सीराइबोन्यूक्लिक एसिड (Deoxyribonucleic Acid) को सरल भाषा में डीएनए कहते है।

ये हमारे शरीर की हर कोशिका में मौजूद वह अनुवांशिक कोड है, जो हमें हमारे माता-पिता से मिला होता है। यह हमारी पहचान की जैविक कुंजी होता है। जुड़वा लोगों को छोड़कर हर व्यक्ति का DNA बिल्कुल अलग होता है। मृतकों की पहचान के लिए डीएनए सैंपल उनके शरीर के किसी भी बचे हुए हिस्से से लिया जा सकता है। जैसे- हड्डी, दांत, मांसपेशी, जड़ से जुड़े हुए बाल, खून आदि। सैंपल को सुरक्षित लैब में भेजा जाता है जहां डीएनए का मिलान उनके माता-पिता या बच्चों से किया जा सकता है।
डीएनए जांच के लिए मृतक के परिवार जिनसे खून का रिश्ता हो, जैसे माता-पिता, भाई-बहन या संतान से डीएनए सैंपल लिया जाता है। मृतक के परिजन का खून या लार सैंपल में लिया जाता है। लैब में मृत शरीर से मिला DNA, परिवार के DNA से मैच कराया जाता है। यदि समानता मिलती है, तो यह पुष्टि होती है कि वह शरीर उसी व्यक्ति का है।
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