बिहार। बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी व तेजस्वी यादव को तगड़ा झटका लगा है। दिल्ली की राउज एवेन्यू स्थित विशेष न्यायाधीश की अदालत ने IRCTC होटल भ्रष्टाचार मामले में पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव के खिलाफ आइपीसी की धारा 420, धारा 120 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (पीसी एक्ट) के तहत आरोप तय कर दिए हैं।
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दरअसल आईआरसीटीसी घोटाला 2004 से 2009 के बीच यूपी सरकार में लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री कार्यकाल से जुड़ा हुआ है। इस दौरान भारतीय रेलवे ने दो बीएनआर होटल जो कि एक रांची और दूसरा पुरी में था, के संचालन और रखरखाव के लिए भारतीय रेलवे खान-पान एवं पर्यटन निगम को पट्टे पर देने का फैसला किया था।

हालांकि बाद में सीबीआई जांच से इस बात का पता लगा कि बोली प्रक्रिया में कथित तौर पर एक निजी फर्म विनय और विजय कोचर के स्वामित्व वाली सुजाता होटल प्राइवेट लिमिटेड को फायदा पहुंचाने के लिए हेर फेर किया गया था। लालू परिवार को सुजाता होटल को होटल का ठेका देने के लिए कथित तौर पर पटना में तीन एकड़ बेशकीमती जमीन रिश्वत के तौर पर दी गई थी। यह जमीन किसी बेनामी कंपनी डिजिटल मार्केटिंग लिमिटेड के जरिए ट्रांसफर की गई थी और बाद में राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव के स्वामित्व वाली लारा प्रोजेक्ट्स एलएलपी द्वारा अधिग्रहित कर ली गई थी।
सीधे तौर पर लगभग 94 करोड़ रुपए की जमीन कथित तौर पर सिर्फ 65 लाख रुपए में बेच दी गई जबकि इसका सर्किल रेट 32 करोड़ रुपए था। सीबीआई का कहना है कि यह एक लेनदेन का सौदा था जिसमें जनहित की कीमत पर दोनों पक्षों को फायदा हुआ।
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