नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक और कानून मंत्री किरेन रिजीजू ने गुरुवार को लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill), 2024 पेश किया। लोकसभा में भारी हंगामे के बीच रिजीजू ने बिल पेश किया। वहीं सरकार द्वारा बिल पेश किए जाने के बाद मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस (Congress) ने कहा कि ये बिल अधिकारों पर चोट है।
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वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) लोकसभा में पेश होने के बाद कांग्रेस ने सवाल किया है कि क्या अयोध्या के मंदिर में कोई गैर हिंदू सदस्य हो सकता है। पार्टी ने गैर मुस्लिमों को गवर्निंग काउंसिल में रखने पर विरोध जताया है। साथ ही कांग्रेस (Congress) ने कहा कि यह बिल संविधान की मूल भावना के खिलाफ है। बता दें कि कांग्रेस के अलावा समाजवादी पार्टी और AIMIM ने भी विधेयक का विरोध किया है।
वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) पर केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह ने कहा कि वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) मुसलमान विरोधी नहीं है। धर्म के आधार पर बंटवारा नहीं हो रहा है। निरंकुश संस्था के खिलाफ कानून जरूरी है। बिल में मस्जिद से छेड़छाड़ नहीं है। वक्फ बोर्ड में पारदर्शिता जरूरी है। एनसीपी (शरद गुट) सांसद सुप्रिया सुले (Supriya Sule) ने वक्फ बिल संशोधन का विरोध किया है। सुले ने कहा कि बिना चर्चा के बिल पेश किया गया। ऐसा क्या हो गया है कि आपको ये बिल लाना पड़ा। वक्फ संशोधन बिल को वापस लिया जाए।
लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल (Waqf Amendment Bill) के पेश होने के बाद AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मोदी सरकार पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा कि बिना चर्चा के वक्फ बिल लाया गया। मस्जिद, दरगाह की जमीनें कब्जाने की कोशिश की जा रही हैं। मुसलमानों की संपत्ति छीनने की कोशिश की जा रही है। हालांकि इससे पहले लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कांग्रेस (Congress) सांसदों की बैठक बुलाई जिसमें कई विषयों के साथ ही वक्फ विधेयक को लेकर भी चर्चा की गई।
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