26.4 C
Lucknow
Friday, November 22, 2024

कल है साल का अंतिम प्रदोष व्रत, इस विधि से करें भोले भंडारी की पूजा

Print Friendly, PDF & Email

डेस्क। हिंदू धर्म में प्रदोष व्रत (Pradosh) विशेष महत्व रखता है। इस तिथि पर शिव भक्तों द्वारा व्रत आदि किया जाता है। मान्यताओं के अनुसार ऐसा करने से साधक पर महादेव (Lord Shiva) की विशेष कृपा प्राप्त हो सकती है। ऐसे में यदि आप प्रदोष व्रत (Pradosh) कर रहे हैं तो इस कथा का पाठ जरूर करें।

यह भी पढ़ें-शनि की ग्रह दशा इन जातकों को दिलाएगी लाभ, पढ़ें राशिफल

कल 24 दिसंबर दिन रविवार को चंद्रमा अपनी उच्च राशि वृषभ में का संचार करने वाले हैं, जिससे शशि राजयोग (Shashi Rajyoga) का निर्माण हो रहा है। साथ ही कल मार्गशीर्ष मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि है और इस तिथि को रवि प्रदोष (Pradosh) तिथि के नाम से जाना जाएगा। रवि प्रदोष (Pradosh) तिथि पर साध्य योग, शुभ योग, रवि योग और रोहिणी नक्षत्र का शुभ योग बन रहा है, जिससे प्रदोष व्रत (Pradosh) का महत्व बढ़ गया है।

मार्गशीर्ष माह की शुक्ल त्रयोदशी (Pradosh) तिथि 24 दिसंबर को सुबह 06 बजकर 24 मिनट पर प्रारंभ हो रही है। वहीं, इसका समापन 25 दिसंबर के दिन सुबह 05 बजकर 54 मिनट पर होगा। ऐसे में व्रत 24 दिसंबर, रविवार के दिन किया जाएगा। इस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05 बजकर 30 मिनट से रात 08 बजकर 14 मिनट तक रहेगा।

Ravi Pradosh fast is done for married happiness, Shiva-Shakti worship is done on this day | व्रत-उपवास: दाम्पत्य सुख के लिए किया जाता है रवि प्रदोष व्रत, इस दिन होती है शिव-शक्ति

रवि प्रदोष (Pradosh) पर भगवान शिव के साथ सूर्य देव की पूजा करनी चाहिए। इसके लिए सुबह भगवान सूर्य देव तो तांबे के लोटे में जल अर्पित करना चाहिए। इसके बाद हाथ में फूल, अक्षत और पवित्र जल लेकर व्रत का संकल्प लें। वहीं शाम को प्रदोष (Pradosh) काल में घर या मंदिर में जाकर भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा अर्चना करें। साथ ही भगवान शिव (Lord Shiva) का रुद्राभिषेक करें। भगवान शिव को ही, फूल, फल, अक्षत, बेलपत्र की धतूरा, शहद, भांग, गंगा जल, काले तिल अर्पित करें।

Tag: #nextindiatimes #Pradosh #lordshiva #worship

RELATED ARTICLE

close button