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Sunday, December 21, 2025

इस शख्स ने भारत को दी होम्योपैथी की सौगात, रामकृष्ण परमहंस के थे निजी डॉक्टर

डेस्क। क्या आप जानते हैं कि जिस होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति (homeopathy) पर आज लाखों लोग भरोसा करते हैं, उसे भारत में लाने और स्थापित करने वाला पहला व्यक्ति कौन था? जब भी हम भारत में होम्योपैथी के जनक का नाम लेते हैं, तो एक नाम हमेशा सम्मान के साथ लिया जाता है- वह हैं डॉक्टर महेन्द्रलाल सरकार (Dr. Mahendralal Sarkar)। 2 नवंबर 1833 को हावड़ा जिले के पैकपाड़ा गांव में जन्मे, डॉ. सरकार का जीवन समर्पण, ज्ञान और अटूट लगन की मिसाल है।

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महेन्द्रलाल (Dr. Mahendralal Sarkar) पढ़ाई में बहुत ही लगनशील और मेहनती थे। उन्होंने न केवल बंगाली में, बल्कि अंग्रेजी भाषा में भी बेहतरीन महारत हासिल की। अपनी इसी मेहनत के दम पर उन्होंने छात्रवृत्ति परीक्षा पास की और प्रतिष्ठित हिंदू कॉलेज में दाखिला लिया।

आगे की पढ़ाई के लिए, वे कलकत्ता मेडिकल कॉलेज गए। यह उनकी मेहनत का ही नतीजा था कि उन्होंने साल 1863 में एमडी (MD) की डिग्री हासिल की। उन्हें यह सम्मान मिला कि वे डॉ. चंद्रकुमार डे के बाद, कलकत्ता विश्वविद्यालय से एमडी की डिग्री प्राप्त करने वाले दूसरे व्यक्ति बने। शुरुआत में, डॉ. महेन्द्रलाल सरकार एक एलोपैथिक डॉक्टर के रूप में जाने जाते थे, लेकिन चिकित्सा के प्रति उनकी गहरी समझ ने उन्हें एक नई राह दिखाई।

उन्होंने होम्योपैथी चिकित्सा पद्धति को अपनाया और इस तरह, वह भारत के पहले होम्योपैथी डॉक्टर बने। उन्होंने भारत में होम्योपैथी के विकास और प्रचार-प्रसार में एक अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनके प्रयासों से ही इस पद्धति को देश में पहचान और स्वीकार्यता मिलनी शुरू हुई। वे महान संत स्वामी रामकृष्ण परमहंस के निजी चिकित्सक भी थे। इस कारण वे स्वामी जी से बहुत निकटता से जुड़े रहे और उनका सानिध्य प्राप्त किया।

Tag: #nextindiatimes #homeopathy #DrMahendralalSarkar

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