डेस्क। साल 2025 भारतीय currency ‘रुपये’ पर बहुत भारी पड़ा है। बाजार खुलते ही रुपया पहली बार 90 प्रति डॉलर के नीचे फिसल गया और रिकॉर्ड गिरावट दर्ज की। यह सिर्फ एक आंकड़ा नहीं, बल्कि यह दिखाता है कि देश की मुद्रा कितने दबाव में है। आइए जानते हैं कि डॉलर के मुकाबले किस देश की करेंसी सबसे कमजोर है और भारत का रुपया किस नंबर पर है?
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दुनिया की सबसे कमजोर मुद्रा यानी करेंसी लेबनान की लेबनानी पाउंड है। लेबनान पश्चिमी एशिया में भूमध्य सागर के पूर्वी तट पर स्थित एक देश है। लेबनान कई साल से आर्थिक संकट में है। सरकार की उथल–पुथल, भ्रष्टाचार, बैंकिंग व्यवस्था का गिरना और विदेशी मुद्रा खत्म होना, इन सबने लेबनानी पाउंड को दुनिया की सबसे कमजोर करेंसी बना दिया है; जिसमें 1 LBP = 0.000011 USD और 1 USD = 89,819.51 LBP है।

वहीं दुनिया की दूसरी सबसे कमजोर करेंसी ईरानी रियाल है। अमेरिका और कई देशों के आर्थिक प्रतिबंधों ने ईरान को दुनिया से लगभग काट दिया है। तेल के अलावा अर्थव्यवस्था में विविधता नहीं है, महंगाई बहुत ज्यादा है और राजनीतिक तनाव लगातार बना रहता है। इसलिए रियाल की कीमत बेहद नीचे चली गई है।
भारत का रुपया 2025 में गिरकर 90 प्रति डॉलर तक पहुंच गया हो लेकिन दुनिया में दर्जनों करेंसी इससे भी बहुत ज्यादा कमजोर हैं। भारत का रुपया दुनिया की शीर्ष 25 सबसे कमजोर मुद्रा की सूची में नहीं आता है। भारत की अर्थव्यवस्था दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी है। साथ ही विदेशी कर्ज, महंगाई, और राजनीतिक स्थिरता के मामले में भारत की स्थिति कई देशों से बेहतर है। इसलिए भारत का रुपया कमजोर जरूर होता है लेकिन सबसे कमजोर की कैटेगरी से काफी दूर है।
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