एंटरटेनमेंट डेस्क। अमेरिका के लॉस एंजेलिस में पिछले दिनों ऑस्कर अवार्ड (Oscar Award) समारोह संपन्न हुआ। एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंस हर साल ऑस्कर अवार्ड समारोह आयोजित करती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि चमकती-दमकती सोने की परत (gold-plated) चढ़ी ऑस्कर ट्रॉफी (Oscar trophy) का नाम कैसे पड़ा ?
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हर साल ऑस्कर अवार्ड (Oscar Award) समारोह पर अनुमानित 57 मिलियन अमेरिकी डॉलर (497.42 करोड़ रुपये) खर्च होता है। ऑस्कर अवार्ड समारोह में सबसे ज्यादा खर्च 24 कैरेट सोने की परत चढ़ी ट्रॉफी पर होता है। अगर सिर्फ एक ट्रॉफी की कीमत की बात करें तो करीब 400 अमेरिकी डॉलर (35000 रुपये) है। ऑस्कर ट्रॉफी यानी तलवार पकड़े एक योद्धा, जो फिल्म की रील पर खड़ा है। रील पर पांच बिल्लियां भी उकेरी हुई हैं। ये तिल्लियां फिल्म एकेडमी के पांच ब्रांच- एक्टर, डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, टेक्नीशियन और राइटर को दर्शाती हैं।

सिनेमाई दुनिया के इस सर्वोच्च अवार्ड का आधिकारिक नाम ‘एकेडमी अवार्ड ऑफ मेरिट’ है। हालांकि यह ‘ऑस्कर अवार्ड’ (Oscar Award) के नाम से ज्यादा फेमस है। दरअसल 1936 से लेकर 1943 तक एकेडमी ऑफ मोशन पिक्चर आर्ट्स एंड साइंस की लाइब्रेरियन मार्गेट हेरिक थी। मार्गेट ने जब पहली बार ट्रॉफी को देखा तो कहा- ये तो मुझे मेरे अंकल ऑस्कर की तरह दिख रही है। उस वक्त वहां एक अखबार के कॉलमिस्ट वहां मौजूद थे, जिन्होंने अपने आर्टिकल में इसका जिक्र किया था। कहा जाता है कि यहीं से इस अवार्ड का निकनेम ऑस्कर अवॉर्ड्स (Oscar Award) पड़ गया।
अमेरिका के एमजीएम स्टूडियो के मालिक लुईस बी मेयर ने 1927 में अपने तीन दोस्तों- फिल्ममेकर फीड बिटसोन, एक्टर एक्टर कॉनरेड नागेल और डायरेक्टर फ्रैड निबलो के साथ मिलकर एक ऐसा ग्रुप बनाने के बारे में सोचा था, जिससे पूरी फिल्म इंडस्ट्री लाभ पहुंचे। इसी के साथ एक ऐसा अवार्ड शुरू करने के बारे में भी सोचा, जो फिल्म बनाने वालों को उत्साहित करे।
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