एंटरटेनमेंट डेस्क। 25 जून 1975 से 21 महीनों के लिए पूरे भारत में लगी इमरजेंसी (emergency) ने न सिर्फ राजनीतिक सत्ता को हिलाया, बल्कि इसका असर आम आदमी से लेकर मीडिया और पूरी फिल्म इंडस्ट्री (film industry) पर भी देखने को मिला। इसके अलावा कई व्यंग्यात्मक फिल्मों और राजनीति (politics) की गहराइयों को दिखाती फिल्मों में भी कांट-छाट हुआ। एक एक्ट्रेस (actress) को इसकी वजह से जेल भी जाना पड़ा था।
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आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसी ही अभिनेत्री (actress) स्नेहालता रेड्डी के बारे में जिनका कसूर कुछ नहीं था लेकिन उन्हें महंगा पड़ा एक राजनेता से दोस्ती करना। एक्ट्रेस पर बेहिसाब अत्याचार केवल इसलिए किए गए क्योंकि वह बड़े समाजवादी नेता जॉर्ज फर्नांडिस की मित्र थीं जिन्हें इमरजेंसी (emergency) के समय पुलिस पकड़ने की कोशिश में थी। स्नेहलता एक एक भारतीय फिल्म अभिनेत्री, निर्माता और सामाजिक कार्यकर्ता थीं, जिन्हें कन्नड़ सिनेमा, कन्नड़ थिएटर, तेलुगु सिनेमा और तेलुगु थिएटर में उनके कामों के लिए जाना जाता है।

स्नेहलता (actress) ने कारावास के समय कई रातें फर्श पर सोकर गुजारीं। पूरे 8 महीने तक एक फेक केस में स्नेहलता को असीम प्रताड़नाएं दी जाती रहीं। जेल में उनके बगल की कोठरी में बंद किए गए अटल बिहारी वाजपेयी और लाल कृष्ण आडवाणी ने बाद में बताया था कि कारावास के समय उन्हें किसी महिला के चीखने की आवाज सुनाई देती थी। बाद में पता चला कि वह कन्नड़ अभिनेत्री स्नेहलता थीं।
एक्ट्रेस (actress) अस्थमा की मरीज थीं इसके बावजूद उन्हें जेल में कठोर सजा दी जा रही थी और उपचार भी नहीं दिया जा रहा था। यह बातें स्वयं स्नेहलता ने मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के समक्ष रखीं थीं। जेल में तबियत बिगड़ने के कारण 15 जनवरी 1977 को उन्हें पैरोल पर रिहा कर दिया गया था। रिहाई के 5 दिन बाद ही 20 जनवरी को हार्ट अटैक के कारण उनकी मृत्यु हो गई।
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