नई दिल्ली। पूर्वांचल के बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) को हेट स्पीच मामले में दोषी ठहराते हुए दो साल की सजा सुनाई गई है। जिसके बाद विधानसभा सचिवालय द्वारा उनकी विधायकी (MLA) को भी रद्द कर दिया गया। आपको बता दें कि ये पहली बार नहीं है जब यूपी में किसी मामले में सजा मिलने के बाद किसी विधायक या सांसद (MP) की सदस्यता रद्द हुई है।
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साल 2017 के बाद ऐसे लोगों की एक लंबी फेहरिस्त है। नियमों के अगर किसी सांसद, विधायक या किसी जनप्रतिनिधि को किसी अपराध में दोषी ठहराया जाता है और कोर्ट के द्वारा उसे दो साल या इससे अधिक सजा मिलती है तो उसकी सदस्यता खत्म कर दी जाती है। यही नहीं रिहाई के बाद भी वो छह साल तक वो चुनाव नहीं लड़ सकता है।
दिसंबर 2019 में यूपी की बांगरमऊ सीट से BJP विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को कोर्ट ने रेप मामले में दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई, जिसके बाद उनकी विधायकी चली गई। अक्टूबर 2022 में यूपी की खतौली सीट से बीजेपी विधायक (MLA) विक्रम सिंह सैनी को मुजफ्फरनगर दंगा मामले में दोषी ठहराते हुए कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई; जिसके बाद उनकी विधायकी भी खत्म कर दी गई और इस सीट पर उपचुनाव कराए गए।

अक्टूबर 2022 में ही रामपुर सीट से सपा विधायक आजम खान को भी कोर्ट से तीन साल की सजा सुनाई गई। कोर्ट ने उन्हें सीएम योगी आदित्यनाथ पर टिप्पणी से लेकर भड़काऊ भाषण देने के मामले में दोषी ठहराया। इसके बाद उनकी विधायकी चली गयी। फरवरी 2023 में सपा नेता आज़म खान के बेटे और स्वार सीट से सपा विधायक अब्दुल्ला आजम को भी एमपी एमएलए कोर्ट ने दो साल की सजा सुनाई जिसके बाद उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया।

मई 2023 को यूपी गाजीपुर सीट से बसपा सांसद अफजाल अंसारी को भी एमपी एमएलए कोर्ट ने 2007 के गैंगस्टर मामले में चार साल की सजा सुनाई। जिसके बाद अफजाल अंसारी को अब सांसद पद से हाथ धोना पड़ा। जून 2024 को कानपुर की सीसामऊ सीट से समाजवादी पार्टी के विधायक इरफान सोलंकी को MP-MLA कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई। उन्हें जबरन ज़मीन पर कब्जा करने, आगजनी और जान से मारने की धमकी देने के मामले कोर्ट ने दोषी माना। इरफान सोलंकी को सजा मिलने के बाद सचिवालय की ओर से उनकी विधायकी को रद्द कर दिया गया है।
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