स्पोर्ट्स डेस्क। भारतीय क्रिकेट के इतिहास में कई खिलाड़ी ऐसे रहे हैं जिन्हें विदाई मैच खेलने का मौका नहीं दिया गया। इन खिलाड़ियों ने आनन फानन में retirement ले लिया। चेतेश्वर पुजारा भी उन्हीं खिलाड़ियों में शामिल हो गए हैं जिन्होंने गुपचुप क्रिकेट को अलविदा कह दिया। पुजारा भी वीरेंद्र सहवाग, महेंद्र सिंह धोनी और युवराज सिंह के लिस्ट में शामिल हो गए हैं जिन्हें फेयरवेल मैच खेलने का मौका नहीं मिला।
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भारतीय टीम के 10 और भी ऐसे महान खिलाड़ी हैं, जो बिना विदाई मैच खेले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से दूर हो गए हैं। इनमें सुनील गावस्कर, वीरेंद्र सहवाग और पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ का नाम शामिल है। वर्ल्ड कप 1987 के सेमीफाइनल में भारत को इंग्लैंड के हाथों हार मिली थी और इसके बाद गावस्कर कभी अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में नजर नहीं आए।
महान खिलाड़ियों की इस लिस्ट में पूर्व कप्तान राहुल द्रविड़ का भी नाम शामिल है, क्योंकि उनको भी विदाई मैच (retirement) खेलने का मौका नहीं मिला था। बतौर कप्तान और खासकर टेस्ट क्रिकेट में भारत के लिए हजारों रन बनाने वाले द्रविड़ विदाई मैच के लिए तरसते रह गए।

भारतीय टीम के लिए पहली बार किसी खिलाड़ी ने टेस्ट क्रिकेट में तिहरा शतक जड़ा था, तो वे वीरेंद्र सहवाग थे। बाद में एक और तिहरा शतक उन्होंने जड़ा था, जबकि तीसरे तिहरे शतक से वे चूक गए थे। वहीं, वनडे क्रिकेट में सचिन के बाद उन्होंने ही दोहरा शतक जड़ा था, लेकिन वीरू को भी विदाई मैच नसीब नहीं हुआ था। हालांकि, वीवीएस को भी विदाई मैच खेलने को नहीं मिला था। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने retirement का ऐलान किया था और वे कभी क्रिकेट खेलने नहीं उतरे।
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