डेस्क। ये पूरा ब्रह्मांड अनेक प्रकार के रहस्यों से भरा है। इंसानों ने इन रहस्यों को खोजने की कई कोशिशों में धरती से लेकर चांद तक अपनी पहुंच बना ली लेकिन आज भी एक ऐसी जगह है जहां इंसान नहीं जा पाया है और वो जगह है सूर्य (Sun)। इंसान अब तक सूरज पर नहीं जा सका है, जिसके चलते आज भी ये असंभव लगने वाली कोशिश जारी है।
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इसी कोशिश में कई देश सूरज पर पहुंचने के लिए दिन रात एक करके जुटे हुए हैं। अमेरिका और जापान जैसे देशों के बाद अब भारत भी इसी दौड़ में शामिल हो गया है। अमेरिका की स्पेस एजेंसी नासा ने सूरज तक सबसे ज्यादा मिशन भेजे हैं। इसमें पार्कर सोलर प्रोब (Parker Solar Probe) भी शामिल है, जो 2018 में लॉन्च हुआ और सूरज के वायुमंडल से गुजरा था।

अमेरिका की नासा और यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ESA) ने मिलकर ‘सोलर एंड हीलियोस्फेरिक ऑब्जर्वेटरी’ (SOHO) मिशन 1995 में लॉन्च किया था, जो सूरज की सर्फेस और उसके तूफानी वातावरण की स्टडी करता है। जापान दुनिया का वह पहला देश था, जिसने सूर्य तक पहला मिशन लॉन्च किया। जापान की स्पेस एजेंसी JAXA ने 1981 में इस सोच को सच कर दिखाया, जब उसने पहली सोलर ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट, हिनोटोरी (ASTRO-A) को सूरज तक भेजा।
मिशन का मकसद एक्स-रे के जरिए सोलर फ्लेयर्स की स्टडी करना था। JAXA ने फिर 1991 में योहकोह (SOLAR-A) को लॉन्च किया। सूरज पर पहुंचने की रेस में चीन भी पीछे नहीं है। 2019 में चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंसेज (CAS) ने ‘स्पेसक्राफ्ट फॉर हाई एनर्जी सोलर फिजिक्स’ (SHESSP) के तौर पर एक छोटी सैटेलाइट को लॉन्च किया। इसके जरिए चीन ने सूर्य के कई राज खोले।
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