लखनऊ। हिज्बुल्लाह (Hezbollah) के मुखिया हसन नसरल्लाह (Nasrallah) की मौत को लेकर उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में लोगों ने विरोध प्रदर्शन किया। छोटे इमामबाड़ा से लेकर बड़े इमामबाड़ा (Imambara) तक हजारों लोग इस दौरान सड़कों पर उतरे। इजरायल (Israel) ने 27 सितंबर को एयर स्ट्राइक कर नसरल्लाह को मार गिराया था।
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हसन नसरल्लाह (Nasrallah) के गम में लखनऊ (Lucknow) के पुराने इलाकों में शिया समुदाय ने रविवार को घरों और इमामबाड़ों में काले झंडे लगाए और अपनी दुकानें बंद रखीं। शाम को कैंडल मार्च निकाला और इमामबाड़े (Imambara) के गेट पर इजराइल (Israel) का झंडा जमीन पर बिछाकर अपनी नाराजगी जताई। वहीं कई जगहों पर मजलिस का आयोजन कर नसरल्लाह (Nasrallah) को खिराजे अकीदत पेश की गई।
राजधानी Lucknow में मगरिब की नमाज के बाद छोटा इमामबाड़ा (Imambara) के बाहर शिया समुदाय के सैकड़ों लोगों ने इकट्ठा होकर बड़ा इमामबाड़ा तक कैंडल मार्च निकाला। इसके अलावा दरगाह हजरत अब्बास के पास भी लोगों ने कैंडल मार्च निकाल कर अपनी नाराजगी जताई। रुस्तम नगर स्थित दरगाह हजरत अब्बास में मजलिस को मौलाना सैयद कल्बे जवाद ने खिताब किया।
हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह (Nasrallah) की मौत के बाद भी लेबनान में आतंकी ग्रुप के ठिकानों पर इजरायल (Israel) के हवाई हमले जारी हैं। नसरल्लाह, 30 साल की उम्र में 1992 में हिजबुल्लाह (Hezbollah) का महासचिव बना था। अगले 32 वर्षों में उसने हिजबुल्लाह (Hezbollah) को न सिर्फ लेबनान बल्कि मध्य पूर्व की एक बड़ी ताकत बना दिया। वह इजरायल का दुश्मन नंबर एक बन गया। आखिरकार शुक्रवार को यहूदी राष्ट्र, अपने सबसे बड़े दुश्मन को खत्म करने में कामयाब रहा। हसन नसरल्लाह (Nasrallah) की डेडबॉडी भी सामने आ गई है।
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