26 C
Lucknow
Wednesday, February 5, 2025

नहाय-खाय के साथ शुरू हुआ चार दिवसीय महापर्व छठ, सज गए घाट

Print Friendly, PDF & Email

डेस्क। सूर्य उपासना का सबसे बड़ा पर्व छठ (Chhath) आज देशभर में नहाय-खाय (nahay khay) के साथ शुरू हो गया। छठ पूजा के इस चार दिवसीय अनुष्ठान में व्रती नदियों और अन्य जल स्रोतों में स्नान कर सूर्य देव (Sun) को जल अर्पित करेंगे। कल लोहंडा खरना (Kharna) पर व्रती पूरे दिन उपवास रखेंगे और शाम को सूर्य देव (Sun) को अर्घ्य देकर प्रसाद ग्रहण करेंगे।

यह भी पढ़ें-कुंवारी लड़कियां इस शुभ मूहूर्त में करें हरतालिका तीज पूजा, मिलेगा मनचाहा वर

गुरुवार शाम को डूबते सूर्य और शुक्रवार को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ चार दिवसीय अनुष्ठान का समापन होगा। सूर्योपासना का यह पर्व कार्तिक मास (Kartik month) के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी से सप्तमी तिथि तक मनाया जाता है। लोक आस्था का सबसे बड़ा महापर्व (Chhath) आज पवित्र स्नान के साथ शुरू होगा। इस अवसर पर चार दिवसीय अनुष्ठान का संकल्प लिया गया। कल से खरना (Kharna) का प्रसाद ग्रहण करने के बाद 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू हो जाएगा।

नहाय खाय (nahay khay) से शुरू होने वाला यह चार दिवसीय अनुष्ठान (Chhath) है जिसमें व्रती शुद्धता और सात्विकता का पालन करते हैं। पहले दिन कद्दू की सब्जी, चने की दाल और चावल खाकर शरीर को शुद्ध किया जाता है। दूसरे दिन 6 नवंबर को खरना यानि पंचमी को पूरे दिन उपवास रखने के बाद शाम को गुड़ से बनी खीर खाई जाती है।

तीसरे प्रमुख दिन यानि डाला छठ (Chhath) को 7 नवंबर को उपवास के बाद बांस की टोकरी और डालियों में विभिन्न प्रकार के फल, मिठाई, नारियल, मौसमी फल, गन्ना आदि रखकर किसी नदी, तालाब, झील या बावरी के किनारे दूध और जल से अर्घ्य दिया जाता है। फिर रात भर जागरण किया जाता है। यह अर्घ्य अस्ताचलगामी सूर्य भगवान भास्कर को दिया जाता है। चौथे दिन दिन भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के बाद ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला व्रत (Chhath) समाप्त होता है और वे भोजन ग्रहण करते हैं और ‘पारण’ करते हैं।

Tag: #nextindiatimes #Chhath #festival

RELATED ARTICLE

close button