एंटरटेनमेंट डेस्क। भले ही आज का सिनेमा थोड़ा अलग हो, बिंदास हो, बोल्ड हो लेकिन हिंदी सिनेमा पहले ऐसा नहीं था। पहले फिल्मों में वेस्टर्न कल्चर कम ही दिखाया जाता था। आज हम आपको एक ऐसी हीरोइन की कहानी बताएंगे, जिसने 70 के दशक में पहली बार बिकिनी पहनी तो हंगामा मच गया था।
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हिंदी सिनेमा 50 और 60 के दशक में हीरोइनें साड़ी या घांघरा-चोली में ही ज्यादा पर्दे पर नजर आती थीं। लेकिन 70 का दशक आते-आते बदलाव की लहर चल गई थी। इसी बीच सिनेमा में एंट्री हुई Sharmila Tagore की। महज 13 साल की उम्र में शर्मिला ने बंगाली फिल्मों से डेब्यू किया और करीब 5 साल यहीं काम करती रहीं।
इसके बाद उन्हें बॉलीवुड की राह मिली। साल 1964 में शक्ति सामंत की फिल्म ‘कश्मीर की कली’ से उन्होंने हिंदी सिनेमा में डेब्यू किया। 60-70 के दशक में जिस हीरोइन पर लाखों लोगों का दिल फिदा था, उस हीरोइन को पसंद आया एक क्रिकेटर। ये कोई और नहीं बल्कि मशहूर क्रिकेटर नवाब मंसूर अली खान पटौदी थे। चर्चे तो ये भी हुए कि, जब शर्मिला टैगोर मैच देखने स्टेडियम पहुंचती थीं तो नवाब अली खान पटौदी उनका स्वागत सिक्सर से किया करते थे। दोनों का प्यार खूब परवान चढ़ा और फिर आखिरकार दोनों ने शादी की।

शर्मिला टैगोर बॉलीवुड की ऐसी पहली एक्ट्रेस हैं जिन्होंने फिल्मफेयर मैग्जीन कवर के लिए बिकिनी फोटोशूट करवाया था। ये फोटोशूट उन्होंने अपनी फिल्म ‘एन ईवनिंग इस पेरिस’ की रिलीज के लिए कराया था। इस फिल्म के प्रमोशन के लिए उन्होंने इन बिकिनी वाले होर्डिंग्स को जगह जगह लगवाया। हालांकि अपनी सास के डर से उन्होंने ये बिकिनी वाले होर्डिंग्स भी हटवा दिए थे।
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