पुणे। पुणे पुलिस ने 2021 में महामारी के दौरान एक नागरिक-संचालित अस्पताल के लिए कोविड -19 परीक्षण किट, दवाओं और सैनिटाइजर का कथित रूप से दुरुपयोग करने और उन्हें व्यक्तिगत लाभ के लिए निजी प्रयोगशालाओं को बेचने के लिए एक पूर्व मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी और दो अन्य के खिलाफ अपराध दर्ज किया है।
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दरअसल, पुणे पुलिस ने एक पूर्व मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी और दो अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इन पर आरोप है कि इन लोगों ने साल 2021 में महामारी के दौरान नगर निगम द्वारा संचालित एक अस्पताल से कोविड-19 जांच किट, दवाएं और सैनिटाइजर का कथित तौर पर दुरुपयोग कर और उन्हें खुद के लाभ के लिए निजी अस्पतालों को बेच दिया।
अधिकारी ने बताया कि वारजे मलवाड़ी पुलिस ने गुरुवार को पुणे नगर निगम के पूर्व मुख्य स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आशीष भारती, डॉ. अरुणा तारडे और डॉ. ऋषिकेश गार्डी के खिलाफ मामला दर्ज किया है। उन्होंने बताया कि डॉ. सतीश कोलसुरे ने इस मामले को एक स्थानीय अदालत में उठाया था। अदालत ने पुलिस को केस दर्ज करने का आदेश दिया था। पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने वारजे मालवाड़ी इलाके में अरविंद बरतक्के अस्पताल में जनवरी और दिसंबर 2021 के बीच मरीजों का कथित रूप से फर्जी रिकॉर्ड बनाया, ताकि ऐसा लगे कि सुविधा में परीक्षण किट, सैनिटाइजर और दवाओं जैसी सामग्रियों का उपयोग किया गया था।
पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने कथित तौर पर जनवरी और दिसंबर 2021 के बीच वारजे मालवाड़ी इलाके में अरविंद बारटाके अस्पताल में मरीजों की फर्जी प्रविष्टियां बनाकर फर्जी रिकॉर्ड बनाए, ताकि ऐसा लगे कि सुविधा में परीक्षण किट, सैनिटाइजर और दवाओं जैसी सामग्री का उपयोग किया गया था। अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने बाद में इन वस्तुओं को निजी लाभ के लिए निजी प्रयोगशालाओं और व्यक्तियों को बेच दिया और 80 लाख रुपये से 90 लाख रुपये तक का लाभ उठाया।
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