लखनऊ। लोकसभा चुनाव से पहले ही उत्तर प्रदेश की सियासत में भूचाल मचा हुआ है। कुछ दिन पहले ही समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के महासचिव पद से इस्तीफा देने वाले दिग्गज नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने विधानपरिषद की सदस्यता से भी इस्तीफा दे दिया है। मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने पत्र लिखा और इसी के साथ MLC भी छोड़ दी है।
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स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने पत्र में लिखा कि मैं समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रत्याशी के तौर पर निर्वाचित हुआ हूं, चूंकि मैंने समाजवादी पार्टी की प्राथमिकता सदस्यता से त्यागपत्र दे दिया है, इसलिए नैतिकता के आधार पर विधान परिषद की सदस्यता (MLC) से त्यागपत्र दे रहा हूं। इससे पहले उन्होंने सपा के राष्ट्रीय महासचिव पद से इस्तीफा दे दिया था। स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर त्यागपत्र को साझा करते हुए संज्ञानार्थ लिखा था।

हमेशा अपने तीखे बयानों की वजह से सुर्खियों में बने रहने वाले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) का सपा से इस्तीफा देने की खबर है। बता दें कि कुछ दिन पहले ही इस बार स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने अपनी ही पार्टी यानी समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के एक नेता को भाजपा का एजेंट बता दिया। यह नेता कोई और नहीं, बल्कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले मुख्य सचेतक मनोज पांडेय हैं।
सपा के राष्ट्रीय महासचिव स्वामी प्रसाद मौर्या (Swami Prasad Maurya) ने कहा है कि बिना किसी पद के पार्टी के लिए काम करते रहेंगे। सपा (Samajwadi Party) प्रमुख को भेजे पत्र में स्वामी प्रसाद मौर्य (Swami Prasad Maurya) ने लिखा, ”जबसे में समाजवादी पार्टी में सम्मिलित हुआ, लगातार जनाधार बढ़ाने की कोशिश की। सपा में शामिल होने के दिन ही मैंने नारा दिया था; 85 तो हमारा है, 15 में भी बंटवारा है”।
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