शिमला। हिमाचल (Himachal) में राज्यसभा चुनाव के बाद सियासत में मानो भूचाल आ गया है। सरकार पर संकट के बादल मंडराने लगे हैं। हिमाचल प्रदेश में सियासी उठा-पटक के बीच सुक्खू सरकार (Sukhu government) में कैबिनेट मंत्री विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है। आज सुबह उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैबिनेट से इस्तीफा देने की घोषणा की।
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हिमाचल प्रदेश के मंत्री और कांग्रेस विधायक विक्रमादित्य सिंह (Vikramaditya Singh) ने हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) राज्यसभा चुनाव परिणाम के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने कहा, हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में पिछले 2-3 दिनों में जो घटनाक्रम हुआ, वह लोकतंत्र में चिंता का विषय है। यह इसलिए चिंता का विषय है क्योंकि राज्य की 70 लाख जनता ने सरकार (Sukhu government) चुनी और उसके कांग्रेस पार्टी को जनादेश दिया है।”
उन्होंने (Vikramaditya Singh) सीएम सुक्खू पर अनदेखी का आरोप लगाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री (Sukhu government) की कार्यप्रणाली से कई विधायक नाराज चल रहे थे। हालात सामान्य नहीं है। मौजूदा वक्त में इस सरकार में बने रहना मेरे लिए उचित नहीं है। यही कारण है कि मैं इस्तीफा दे रहा हूं। उन्होंने जनता का आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा,”वीरभद्र सिंह (Virbhadra Singh) ने भी एथिक्स की राजनीति की है। हमारी आवाज व अस्तित्व को दबाने का प्रयास हुआ तो टॉलरेट नहीं होगा। हाई कमान, प्रियंका वाड्रा (Priyanka Vadra) से बात हुई है। जनता की भावनाओं को अवगत करवाया गया है।”
उन्होंने (Vikramaditya Singh) कहा कि मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि मुझे एक मंत्री (minister) के तौर पर अपमानित करने का काम किया गया है, जिस तरह के संदेश विभाग में भेजे जाते हैं, हमें कमजोर करने की कोशिश की गई। सरकार (Sukhu government) सभी के सामूहिक प्रयास से बनी थी। मैं किसी भी दबाव में नहीं आने वाला। विधायकों के साथ कहीं न कहीं अनदेखी हुई है, विधायकों की आवाज दबाने की कोशिश की गई है जिसके कारण हम आज इस कगार पर खड़े हैं। लगातार इन विषयों को पार्टी नेतृत्व के समक्ष भी उठाया गया है, लेकिन उसका जिस तरह से सरोकार लेना चाहिए था, वो नहीं लिया गया।
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