गुजरात। भगवान शिव (Lord Shiva) को भांग-धतूरा और फूल-फल चढ़ाते हुए सुना है। क्या आपने सुना है शिवलिंग पर केकड़ा (crab) भी चढ़ाया जाता है। आज हम ऐसे ही एक रहस्यमयी शिव मंदिर के बारे में बताएंगे। दरअसल गुजरात (Gujarat) के सूरत शहर में तापी नदी के किनारे कई प्राचीन मंदिर (Shiva temple) हैं, जहां पौराणिक मान्यताओं का पालन आज भी किया जाता है।
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उमरा इलाके स्थित इस मंदिर (Shiva temple) का नाम रामनाथ घेला महादेव मंदिर है। यह दुनिया का एकमात्र महादेव मंदिर है जहां शिवलिंग पर फल-फूल और बेलपत्र और के साथ जिंदा केकड़ा चढ़ाने की परंपरा है। प्रचलित मान्यता के अनुसार, कान से संबंधित रोग वाले लोग इस शिव मंदिर में आकर केकड़ा (crab) चढ़ाते हैं। मान्यता है कि इससे उनके कान के रोग ठीक हो जाते हैं। यह पौराणिक मान्यता सालों से चली आ रही है।

स्थानीय लोगों की माने तो भगवान श्रीराम (Lord Shri Ram) अपने वनवास के दौरान यहां आए थे। वह अपने पिता दशरथ की मृत्यु से दुखी होकर शिवलिंग स्थापित कर पितृ तर्पण करना चाहते थे। इसके लिए वह एक योग्य ब्राह्मण की तलाश कर रहे थे। जब उन्हें कोई ब्राह्मण नहीं मिला तो समुद्र देवता स्वयं ब्राह्मण का रूप धारण कर प्रकट हुए।इस दौरान समुद्र के ज्वार-भाटा से कई जीवित केकड़े शिवलिंग पर आ गए। इस दौरान भगवान श्री राम ने केकड़ों (crab) का आदर किया और उन्हें आजीवन श्राप मुक्त रहने का आशीर्वाद दिया।

साथ ही उन्होंने यह भी आशीर्वाद दिया कि अगर कोई व्यक्ति कान बहने या किसी अन्य बीमारी से पीड़ित है, तो वह यहां प्रार्थना करेगा, तो उसे उस समस्या से मुक्ति मिलेगी। कहते हैं इसी के बाद से बाद यहां यह परंपरा शुरू हुई। हर साल पौष एकादशी पर यहां 50 हजार से ज्यादा लोग जीवित केकड़े (crab) चढ़ाते हैं। वहीं शनिवार को पौष एकादशी पर यहां शिव भक्तों की भीड़ उमड़ी और केकड़ा चढ़ाकर शिव की पूजा की।
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