सिद्धार्थनगर। सिद्धार्थनगर जिले के इटवा स्थित अल फारूक इंटर कॉलेज के प्रबंधक पर धर्मांतरण (conversion) कराने का गंभीर आरोप लगा है। मामला सामने आने के बाद पुलिस ने तहरीर लेकर मुकदमा दर्ज किया और कॉलेज प्रबंधक मौलाना शब्बीर को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हालांकि इस कार्रवाई को लेकर अब कई सवाल भी उठने लगे हैं।
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पूरा मामला इटवा थाना क्षेत्र के अमौना गांव स्थित अल फारूक इंटर कॉलेज से जुड़ा है। डुमरियागंज के शाहपुर निवासी अखंड प्रताप सिंह का आरोप है कि कॉलेज में बाबू की नौकरी देने के नाम पर उनसे जबरन धर्म परिवर्तन कराने की कोशिश की गई। अखंड प्रताप के मुताबिक कॉलेज प्रबंधक शब्बीर अहमद ने पहले 15 हजार रुपये मानदेय पर नौकरी देने का झांसा दिया, फिर 100 रुपये के स्टांप पेपर पर दस्तखत कराकर इस्लाम कबूल (conversion) करने का दबाव बनाया। विरोध करने पर उन्हें धमकियां दी गईं और विदेश से किसी मौलाना से बात कराकर बीस लाख रुपये दिलाने का लालच भी दिया गया।

उधर पुलिस ने अखंड प्रताप सिंह की तहरीर पर ताबड़तोड़ कार्रवाई करते हुए मौलाना शब्बीर को गिरफ्तार कर लिया लेकिन मौलाना शब्बीर ने इन आरोपों को पूरी तरह खारिज किया है। शब्बीर अहमद का दावा है कि अखंड प्रताप पहले भी अपने ही परिवार पर कई आरोप लगा चुका है। 2020 में उसके पिता ने उसे घर से बेदखल कर दिया था। मौलाना शब्बीर का आरोप है कि अखंड प्रताप ने उनसे पैसे की मांग की और जब उन्होंने पैसे नहीं दिए तो कुछ पत्रकारों के साथ मिलकर ब्लैकमेल करने की साजिश रची।
मामले में अब राजनीति भी गरमा गई है। इटवा विधायक और नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडे ने पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उनका कहना है कि जब शिकायतकर्ता ने धर्म परिवर्तन (conversion) किया ही नहीं तो बिना ठोस जांच के गिरफ्तारी क्यों की गई? इस मामले में स्थानीय लोगों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने भी पुलिस कि इस कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं।
(रिपोर्ट- दीप यादव, सिद्धार्थनगर)
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