डेस्क। पंजाब के किसान शुभकरण (Shubhakaran) की मौत के तीन दिन बाद भी उसका पोस्टमार्टम (post-mortem) नहीं हो सका। दाता सिंह वाला बॉर्डर पर किसानों के दिल्ली कूच के दौरान हुई हिंसा में किसान शुभकरण (Shubhakaran) की मृत्यु हो गई थी। शुभकरण का शव रजिंदरा अस्पताल की मोर्चरी (mortuary) में रखा गया है।
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इसे पुलिस ने छावनी में तबदील करते हुए मार्चरी (mortuary) के दोनों रास्तों पर पुलिस (police) तैनात करने के साथ-साथ बैरिकेडिंग भी कर दी है। ताकि कोई भी व्यक्ति बिना काम से वहां न जाए। वहीं मीडिया को भी मोर्चरी (mortuary) के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा। मौके पर मौजूद एसपी सिटी सरफराज आलम ने कहा कि उच्च अधिकारियों के आदेशों पर ही अगली कार्रवाई की जाएगी। बता दें शुभकरण (Shubhakaran) की मौत के बाद किसानों ने एलान किया कि जब तक हत्यारों को सजा नहीं दी जाएगी तब तक अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
वहीं दूसरी ओर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मृतक किसान के परिवार को एक करोड़ की वित्तीय सहायता देने का एलान किया है। साथ ही शुभकरण (Shubhakaran) की छोटी बहन को सरकारी नौकरी देने का भी एलान किया है। खनौरी बॉर्डर पर किसान आंदोलन में बठिंडा निवासी शुभकरण (Shubhakaran) का अभी तक पोस्टमार्टम (post-mortem) नहीं किया गया है। सरकारी राजेंद्र हॉस्पिटल मोर्चरी (mortuary) के बाहर पुलिस तैनात की गई है।

पंजाब के किसान शंभू बॉर्डर (Shambhu border) पर डटे हुए हैं। प्रदर्शन के दौरान जान गंवाने वाले किसान शुभकरण सिंह (Shubhakaran) की मौत के बाद प्रदर्शनकारियों में गुस्सा है। आपको बता दें कि एमएसपी MSP की गारंटी समेत कई मांगों को लेकर पंजाब के किसान (Kisan Andolan) 12 दिन से धरने पर हैं। इस बीच किसानों ने दिल्ली कूच (Kisan Delhi March) का प्लान 29 फरवरी तक टाल दिया है, ये जानकारी संयुक्त किसान मोर्चा ने दी।
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