नई दिल्ली। भारतीय स्टेट बैंक (SBI) ने बुधवार को दायर एक अनुपालन हलफनामे में सुप्रीम कोर्ट को बताया कि उसने चुनावी बांड (electoral bond) पर डिजिटल डेटा भारत के चुनाव आयोग (ECI) को सौंप दिया है। SBI के चेयरमैन दिनेश कुमार खारा ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा (affidavit) दाखिल कर बताया कि 1 अप्रैल 2019 से 15 फरवरी 2024 के बीच 22,217 चुनावी बॉन्ड खरीदे गए हैं।
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एसबीआई (SBI) चेयरमैन की ओर से दिए गए हलफनामे (affidavit) में कहा गया है कि मंगलवार को कामकाजी समय समाप्त होने से पहले, संविधान पीठ के फैसले के अनुसार सभी आवश्यक विवरणों के साथ दो पीडीएफ फाइलों वाला एक सीलबंद लिफाफा चुनाव आयोग (ECI) को सौंप दिया गया था। एक फ़ाइल में उन लोगों का विवरण था जिन्होंने चुनावी बांड (electoral bond)खरीदे थे और दूसरी फ़ाइल में उन राजनीतिक दलों के नाम थे जिन्होंने इन बांडों को भुनाया था।
हलफनामे में कहा गया है, “उपरोक्त डेटा 1 अप्रैल, 2019 और 15 फरवरी, 2024 के बीच खरीदे और भुनाए गए बांड के संबंध में है।” एसबीआई (SBI) ने कहा कि 1 अप्रैल, 2019 से 15 फरवरी, 2024 के बीच राजनीतिक दलों द्वारा कुल 22,217 बांड खरीदे गए और 22,030 बांड भुनाए गए। 2018 गजट अधिसूचना का हवाला देते हुए, एसबीआई (SBI) ने कहा कि चुनावी बांड (electoral bond) की राशि जो 15 दिन की वैधता अवधि के भीतर राजनीतिक दलों द्वारा भुनाई नहीं गई थी, उसे प्रधानमंत्री राष्ट्रीय राहत कोष में स्थानांतरित कर दिया गया है।
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ईसीआई को डेटा जमा करने की 6 मार्च की समय सीमा बढ़ाने की एसबीआई (SBI) की याचिका खारिज कर दी। सीजेआई डी.वाई. चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली संविधान पीठ ने 15 फरवरी को चुनावी बॉन्ड (electoral bond) योजना, 2018 को असंवैधानिक करार दिया और एसबीआई (SBI) को इन्हें जारी करना तुरंत बंद करने का आदेश दिया। इसने एसबीआई (SBI) को चुनाव निकाय की आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशन के लिए अप्रैल 2019 से खरीदे गए चुनावी बांड (electoral bond) का विवरण 6 मार्च तक ईसीआई को प्रस्तुत करने के लिए भी कहा।
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