पटियाला। पंजाब (Punjab) में पराली जलाने वाले किसानों (farmers) पर सख्ती का असर दिखने लगा है। राज्य में इस वर्ष 22 अक्टूबर तक पराली जलाने के 1,581 मामले ही सामने आए हैं, जबकि 2023 में 1,794 मामले, 2022 में 3,696 मामले व 2021 में 5,438 सामने आए थे। राज्य में पराली जलाने की घटनाओं से बढ़ रहे वायु प्रदूषण (pollution) को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने भी फटकार लगाई थी।
यह भी पढ़ें-दिल्ली में दिव्यांगों को हर महीने मिलेंगे 5000 हजार रुपये, CM आतिशी का ऐलान
इसके बाद से सरकार ने पराली जलाने वाले किसानों (farmers) के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी शुरू कर दी है। राज्य में महज 22 दिन में ही 920 किसानों (farmers) पर एफआईआर दर्ज की गई है। कुल 11 लाख जुर्माना किया गया है। इसमें से 9.72 लाख रुपये की वसूली भी की जा चुकी है, जबकि 437 रेड एंट्री भी हो चुकी है। 2021 में तो सरकार ने सभी जुर्माना माफ कर दिया था।
2022 में भी FIR रद्द कर थी। पराली जलाने वालों (farmers) पर कार्रवाई के सकारात्मक नतीजे अब सामने आने शुरू हो गए हैं। पिछले वर्ष से तुलना करें तो 22 अक्टूबर 2023 को राज्य में 30 जगह पराली जलाई गई थी, जबकि इस वर्ष 22 को पराली जलाने के मामले 71 हैं। पराली जलाने के मामले कम होने के बावजूद पिछले वर्षों की तुलना में AQI का स्तर बिगड़ा है। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां एक दिन पिछले वर्ष की तुलना में पराली अधिक जली है।

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की फटकार के बाद प्रशासन जहां एक्शन में आया, तो वहीं PPCB की तरफ से भी राज्य में पराली प्रबंधन की दिशा में निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत वर्ष 2023 में करीब 15.86 लाख टन पराली का प्रबंधन किया गया था। इस वर्ष यह करीब 19.52 लाख टन हो गई है। यही नहीं PPCB पराली से ब्रिकेट्स और पैलेट्स तैयार करने के लिए इस वर्ष राज्य में करीब 21 नए प्लांट शुरू किया जा रहा है। इनके दिसंबर 2024 तक शुरू होने की संभावना है।
Tag: #nextindiatimes #farmers #Punjab