डेस्क। 11 दिसंबर को दक्षिण कोरिया (South Korea) की पुलिस ने राष्ट्रपति कार्यालय (presidential office) में छापे मारी की। यह कार्रवाई राष्ट्रपति यूं सुक येओल के खिलाफ चल रही आपराधिक जांच के तहत की गई है। राष्ट्रपति पर संक्षिप्त मार्शल लॉ लगाने के संबंध में विद्रोह के आरोप लगाए गए हैं। इससे पहले 9 दिसंबर को दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति (President) यून सुक योल के देश छोड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया।
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न्याय मंत्रालय के मुताबिक राष्ट्रपति (President) यून को मार्शल लॉ घोषित करने के लिए उनके खिलाफ शुरू की गई जांच के कारण किसी भी विदेश यात्रा या देश छोड़ने की अनुमति नहीं दी जाएगी। मंत्रालय (presidential office) के मुताबिक राष्ट्रपति यून ने देश में मार्शल लॉ लगाकर एक हफ्ते से भी कम वक्त में देश को अराजकता में डाल दिया था। यून को सत्ता से हटाने के लिए विपक्ष उनके खिलाफ एक बार फिर संसद (Parliament) में महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रहा है।
आपको बता दें कि यून ने 3 दिसंबर की रात को देश में मार्शल लॉ दिया था। साथ ही संसद में अतिरिक्त सुरक्षा बल और हेलीकॉप्टर (helicopters) भेज दिए थे। विपक्ष के साथ उनकी पार्टी के सांसदों ने उनके आदेश को अस्वीकार करके उन्हें अपना फैसला वापस लेने के लिए मजबूर किया। राष्ट्रपति (President) यून को महाभियोग का सामना करना पड़ा और अब उनके अचानक लिए गए फैसले की आपराधिक जांच हो रही है।
संसद में वह महाभियोग प्रस्ताव से बाल-बाल बच गए, जिसके बाद पूरे सियोल में विरोध प्रदर्शन बढ़ गया। साथ ही राष्ट्रपति (President) के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जाने लगी। उनके खिलाफ कड़ाके की ठंड में भी लोगों संसद के बाहर विरोध प्रदर्शन करने लगे। राष्ट्रपति पद पर बने रहने के बावजूद, यून सुक योल और उनके करीबी सहयोगियों पर कई जांचें चल रही हैं, जिनमें कथित विद्रोह की जांच भी शामिल है।
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