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Monday, December 23, 2024

लद्दाख में सड़कों पर उतरे लोग, जानें किस बात को लेकर मचा है घमासान?

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लद्दाख। केंद्रशासित प्रदेश (union territory) लद्दाख (Ladakh) में हजारों की संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए हैं। आमतौर पर सबसे शांत रहने वाले देश के इस हिस्से में लोगों का सड़कों पर उतरना काफी हैरानी भरा लगता है। हालांकि लोग यूंही सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन (protest) नहीं कर रहे हैं, बल्कि उनकी एक खास मांग है।

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लद्दाख (Ladakh) के लोगों का कहना है कि केंद्रशासित प्रदेश (union territory) को पूर्ण राज्य (full state) का दर्जा दिया जाए। 5 अगस्त, 2019 को जम्मू-कश्मीर से अलग कर लद्दाख (Ladakh) को केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया था। लद्दाख (Ladakh) में हजारों लोगों के प्रदर्शन की वजह से बड़े पैमाने पर दुकानें बंद कर दी गई हैं। विरोध प्रदर्शन (protest) की अगुवाई लेह एपेक्स बॉडी (एलएबी) और कारगिल डेमोक्रेटिक एलायंस (केडीए) के जरिए की जा रही है।

दरअसल जम्मू-कश्मीर (Jammu and Kashmir) से जब 5 अगस्त, 2019 को अनुच्छेद 370 और 35ए को हटाया गया तो उस वक्त राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया गया है। इसमें से एक जम्मू-कश्मीर रहा, जो विधानसभा वाला केंद्रशासित (union territory) बना। वहीं, लद्दाख (Ladakh) को बिना विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश बनाया गया। शुरुआत में तो केंद्रशासित प्रदेश बनाए जाने पर लद्दाख (Ladakh) में ज्यादा विरोध प्रदर्शन नहीं हुए लेकिन धीरे-धीरे विरोध के स्वर बुलंद होने लगा, जिसका नतीजा हाल के प्रदर्शन (protest) हैं।

लद्दाख (Ladakh) के लोगों का कहना है कि वे पूर्ण राज्य (full state) का दर्जा चाहते हैं। लोग यहां की नौकरशाही परेशान हो चुके हैं और उन्होंने मांग की है कि जनता को अपने प्रतिनिधियों को चुनने का मौका मिलना चाहिए। ये तभी संभव हो पाएगा, जब राज्य पूर्ण राज्य बनेगा। एलएबी और केडीए लद्दाख (Ladakh) के दो क्षेत्रों का प्रतिनिधित्व करते हैं और इन दिनों वह लोगों को इकट्ठा करके प्रदर्शन की अगुवाई कर रहे हैं। अगस्त 2021 में दोनों साथ आए ताकि विरोध की आवाज को बुलंद किया जा सके।

Tag: #nextindiatimes #Ladakh #unionterritory #protest

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