नई दिल्ली। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) 2 जनवरी को सुनवाई करेगा। याचिका (petition) में ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने देश में पूजा स्थल कानून लागू करने की मांग की है। ओवैसी ने अधिवक्ता फुजैल अहमद अय्यूबी के माध्यम से 17 दिसंबर को याचिका दाखिल की।
यह भी पढ़ें-नए साल के पहले दिन लखनऊ में हत्याकांड, एक ही परिवार के 5 लोगों की मौत
ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने अपनी याचिका में केंद्र सरकार को कानून को प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित करने का निर्देश देने की मांग की है। ओवैसी (Asaduddin Owaisi) के वकील ने हवाला दिया कि कई अदालतों ने हिंदू वादियों की याचिकाओं पर मस्जिदों का सर्वेक्षण करने का आदेश दिया था। उधर, मुस्लिम पक्ष की दलीलों में सांप्रदायिक सौहार्द और मस्जिदों की मौजूदा स्थिति को बनाए रखने के लिए 1991 के पूजा स्थल कानून को लागू करने की मांग की गई है।
हिंदू (Hindu) पक्ष का दावा है कि आक्रमणकारियों के हमले से पहले इन स्थानों पर मंदिर थे। कई याचिकाओं (petition) में पूजा स्थल कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती दी गई। इसके खिलाफ ज्ञानवापी मस्जिद प्रबंधन समिति ने शीर्ष अदालत का रुख किया है। समिति ने मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद, दिल्ली के कुतुब मीनार के पास कुव्वत-उल-इस्लाम मस्जिद, मध्य प्रदेश में कमाल मौला मस्जिद समेत अन्य दरगाहों से जुड़े दावों को सूचीबद्ध किया है।

समिति का कहना है कि कानून को चुनौती देने वाली याचिकाएं इन धार्मिक स्थलों के खिलाफ मुकदमों को सुविधाजनक बनाने के शरारती इरादे से दाखिल की गई। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने हिंदू पक्षों द्वारा दायर लगभग 18 मुकदमों की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। इनमें वाराणसी में ज्ञानवापी, मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद और संभल में शाही जामा मस्जिद समेत 10 मस्जिदों के सर्वेक्षण की मांग की गई थी।
Tag: #nextindiatimes #SupremeCourt #AsaduddinOwaisi