नई दिल्ली। भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ (Operation Sindoor) के जरिए पहलगाम आतंकी हमले (Pahalgam terrorist attack) का बदला ले लिया है। इस हमले के लिए भारत ने पाकिस्तान की सीमा के अंदर पड़ने वाले 9 ठिकानों पर निशाना साधा। सूत्रों ने बताया कि खुफिया जानकारी के आधार पर वायुसेना के हमलों में जैश-ए-मोहम्मद (Jaish-e-Mohammed) के 4, लश्कर-ए-तैयबा के 3 और हिज्बुल मुजाहिदीन के 2 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया।
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इन आतंकी संगठनों (terrorist organizations) के कई प्रशिक्षण शिविर (मरकज) और लॉन्च पैड वर्तमान में पाक के सैन्य प्रतिष्ठानों के पास ही चलाए जा रहे थे। आइए जानते हैं कि ये 9 आतंकी (terrorist) ठिकाने कौन से थे और यहां से आतंकी क्या काम करते थे?
मरकज सुभान अल्लाह, बहावलपुरः ये आतंकी अड्डा 2015 से सक्रिय है। इसे जैश-ए-मोहम्मद का मुख्यालय भी कहा जाता है। ये ठिकाना 2019 को पुलवामा हमले सहित JeM द्वारा आतंकवादी योजनाओं से जुड़ा है। मरकज में JeM प्रमुख मौलाना मसूद अजहर, मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर, मौलाना अम्मार और मसूद अजहर के परिवार के सदस्य रहते थे।
मरकज तैयबा, मुरीदकेः साल 2000 में बसे मरकज तैयबा ‘अल्मा मेटर’ और नांगल साहदान मुरीदके पाकिस्तान के पंजाब में स्थित LeT का सबसे बड़ा ट्रेनिंग सेंटर था। इस परिसर में हथियार और शारीरिक प्रशिक्षण की सुविधा थी। इसी मरकज में हर साल 1000 छात्र दाखिला लेते थे, जिससे हर साल लश्कर के लिए आतंकवादी संगठन तैयार करने में इस मरकज की भूमिका उजागर होती है।

महमूना जोया सेंटर, सियालकोट: हिजबुल मुजाहिदीन (हिजबुल मुजाहिदीन) का महमूना जोया आतंकी (terrorist) अड्डा भुट्टा कोटली सरकारी केंद्र में बसा हुआ है। इसका उपयोग जम्मू क्षेत्र में हिजबुल मुजाहिदीन कैडरों की घुसपैठ के लिए किया जाता है।
मरकज अहले हदीस बरनाला, कोटे: जमेल रोड पर बरनाला शहर के बाहरी इलाके में बसा भीमबेर गुलाम कश्मीर में लश्कर का प्रमुख ट्रेनिंग सेंटर है और इसका इस्तेमाल पुंछ-राजौरी-रियासी सेक्टर में लश्कर के आतंकवादियों और हथियार भेजने के लिए किया जाता था।
सरजाल/तेहरा कलां: पाकिस्तान के पंजाब में नरोवाल जिले के शकरगढ़ तहसील में बसा से अड्डा जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों की घुसपैठ के लिए जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का मुख्य प्रक्षेपण केंद्र है। JeM आतंकवादी मोहम्मद अदनान अली उर्फ डॉक्टर और काशिफ जान नियमित रूप से इस जगह का दौरा करते थे।
मस्कर राहील शाहिद, कोटली: ये हिजबुल मुजाहिदीन का सबसे पुराना ट्रेनिंग सेंटर है। इसमें लगभग 150-200 हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी रह सकते हैं।
मरकज अब्बास, कोटलीः ये पाकिस्तान के कोटली में बसे JeM का एक महत्वपूर्ण आतंकी (terrorist) अड्डा है। JeM का शीर्ष कमांडर मुफ्ती अब्दुल रऊफ असगर का करीबी सहयोगी हाफिज अब्दुल शकूर उर्फ कारी जर्रार इस मरकज का प्रमुख है। कारी जर्रार सीधे तौर पर जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमलों की योजना बनाने और उसे अंजाम देने में शामिल है और भारत की राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा वांटेड है।

मरकज सैयदना बिलालः ये गुलाम कश्मीर में जैश का मुख्य केंद्र है, जो मुजफ्फराबाद में लाल किले के सामने बसा है। इस अड्डे का इस्तेमाल आतंकवादियों को जम्मू-कश्मीर में लॉन्च करने से पहले एक ट्रांजिट कैंप के रूप में किया जाता है।
शावाई नाल्लाह कैंप, मुजफ्फराबादः गुलाम कश्मीर में चेलाबंदी पुल के पास बसे इस आतंकी अड्डे को लश्कर के सबसे महत्वपूर्ण शिविरों में से एक माना जाता है। अजमल कसाब सहित 26/11 मुंबई हमले के हमलावरों ने इस शिविर में आतंकवादी प्रशिक्षण लिया था।
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