डेस्क। आज धनतेरस (Dhanteras 2025) का त्योहार पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। जिसके बाद से पांच दिवसीय दीपोत्सव की शुरुआत हो जाएगी। धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी, भगवान कुबेर और स्वास्थ्य के देवता धन्वंतरि की पूजा करने की परंपरा है। इस दिन सोना या चांदी खरीदने से घर में धन का आगमन होता है और मां लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं।
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धनतेरस पर सोना या चांदी खरीदने की प्रथा है। कुछ लोग इस दिन सोने के ज्वेलरी बनवाते हैं तो कुछ लोग सिल्वर के बर्तन या सिक्के खरीदते हैं। इस समय Gold-Silver के दामो की वजह से आम लोगों के लिए इससे खरीदना मुश्किल हो गाया है और त्योहारों के वक्त इन धातुओं की कीमत में ओर तेजी आ जाती है।
सिल्वर का प्राइस रिटेल मार्केट में 2 लाख रुपये प्रति किलो पहुंच चुका है तो वहीं सोने की कीमत 1.30 लाख रुपये प्रति 10 ग्राम पहुंच गई है। जिस वजह से इस समय ज्वेलरी या चांदी के बर्तन-सिक्के खरीदना मंहगा पड़ सकता है। मगर पौराणिक कथाओं अनुसार, इस दिन समुद्र मंथन के दौरान भगवान धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे, जिसके बाद इस दिन से सोने या चांदी की चीजें खरीदने की प्रथा शुरू हो गई।

महंगाई की वजह से सोना-चांदी नहीं ले पा रहे तो, धनतेरस पर मां लक्ष्मी की प्रतिमा या दक्षिणावर्ती शंख खरीद लें। समुंद्र मंथन के द्वारा निकले दक्षिणावर्ती शंख को मां लक्ष्मी का भाई माना गया है। इसके अलावा गोमती चक्र भी खरीद सकते हैं। यह एक पत्थर है, जो कई रंगों का होता है, मगर इस दिन सफेद पत्थर का विशेष महत्व है। इस रत्न को आप अंगूठी में डाल कर भी पहन सकते हैं।
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