एंटरटेनमेंट डेस्क। Sholay हिंदी सिनेमा के इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा चुकी है। 1975 में रिलीज हुई ये मूवी स्वतंत्रता दिवस अपने 50 साल पूरे करने जा रही है। गब्बर से लेकर वीरू और जय-बसंती हर किरदार दर्शकों के दिल में बस चुका है, लेकिन एक समय ऐसा था जब एक mythological film के आगे इस मूवी को कोई पूछ भी नहीं रहा था।
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इस mythological film का क्रेज इतना ज्यादा था कि लोग थिएटर में जाने से पहले अपने जूते उतारकर एंट्री ले रहे थे, वहीं दूसरी तरफ शोले दर्शकों के लिए तरस रही थी। स्वतंत्रता दिवस पर दो बड़ी फिल्में 50 साल पहले थिएटर में आई थीं, पहली थी ‘शोले’ और दूसरी थी ‘जय संतोषी मां’। भक्तों और देवी मां के रिश्ते को दिखाती इस मूवी को देखने के लिए थिएटर में भीड़ उमड़ पड़ी थी। उस समय फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर एक बड़े मार्जिन से ‘शोले’ का काम तमाम कर दिया था।

mythological film ‘जय संतोषी’ मां की कहानी तो अच्छी थी ही लेकिन फिल्म के गाने इसके लिए वरदान साबित हुए थे। ‘मैं तो आरती उतारूं रे संतोषी माता की’ सबसे बड़ा हिट हुआ था, जो आज हर जगह बजता है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, जय संतोषी मां का बजट 25 लाख के आसपास था और मूवी ने 5 करोड़ का बिजनेस किया था।
जय संतोषी मां की रिलीज के दौरान लोगों ने देवी का किरदार अदा करने वाली अनीता गुहा को सच में भगवान का रूप मानने लगे थे। जब लोग फिल्म देखने के लिए थिएटर में जा रहे थे, तो उन्होंने अपने जूते-चप्पल उतार दिए थे। इतना ही नहीं, स्क्रीन पर लोग जब मूवी के सीन चल रहे थे क्वाइन और फूल बरसा रहे थे।
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